कोटा.शहर में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आया है. इसके बाद शहर के भीमगंजमंडी थाना इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है लेकिन जिन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ ने सबसे पहले भीमगंजमंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मृतक मरीज का उपचार किया था, उनको अभी तक भी आइसोलेट नहीं किया गया है. यहां तक कि उनसे कार्य भी करवाया जा रहे है. ऐसे में भीलवाड़ा जैसी गलती कोटा में दोहराई जा रही है.
जानकारी के अनुसार 50 साल के मरीज को 4 अप्रैल को दोपहर में एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया. वह कोरोना संक्रमित पाया गया, लेकिन उसकी जांच रिपोर्ट आने के पहले ही उसकी मौत हो गई. ऐसे में सोमवार को पूरे भीमगंजमंडी थाना इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है. साथ ही अब घर-घर स्क्रीनिंग की जा रही है. यह मरीज 4 अप्रैल को दोपहर में भीमगंजमंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाने गया था, जहां पर उसका नर्सिंग स्टाफ ने बीपी चेक किया. साथ ही पल्स ऑक्सीमीटर से भी उसकी जांच की गई. वहां पर अन्य चिकित्सकों ने उसे उपचार दिया.
इसके बाद ही उसे कोरोना संदिग्ध मानते हुए एमबीएस भेजा गया था. इसके बाद मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो गई है लेकिन पूरे स्टाफ को अभी तक आइसोलेट नहीं किया गया है. उन्हें सेल्फ क्वॉरेंटाइन रहना चाहिए था. साथ ही उनकी भी स्क्रीनिंग होनी चाहिए, लेकिन प्रशासन ने अभी तक ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया है.