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बेटी से दुष्कर्म और गर्भवती होने पर हत्या करने वाले पिता को कोर्ट ने दी फांसी की सजा

पॉक्सो कोर्ट ने साल 2015 के एक मामले में रिश्तों को शर्मसार करने वाले दुष्कर्मी पिता को फांसी की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने ये सजा बेटी से दुष्कर्म और उसके गर्भवती होने पर हत्या करने के मामले में सुनाई है.

कोटा दुष्कर्म न्यूज, Kota News
पॉक्सो कोर्ट क्रम-1

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Published : Jan 20, 2020, 7:55 PM IST

कोटा. जिले के नयापुरा थाने इलाके में नाबालिग बेटी से दुष्कर्म और हत्या के 4 साल पुराने मामले में पॉक्सो कोर्ट क्रम-1 ने आरोपी पिता को फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

दुष्कर्म के आरोपी पिता को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

विशिष्ट लोक अभियोजक प्रेमनारायण नामदेव ने बताया कि मई 2015 में मृतका के पिता ने नयापुरा थाने में शिकायत दी थी कि वह नयापुरा थाना इलाके में किराए के मकान में रहता था. 13 मई को उसका छोटा बेटा पत्नी के साथ दुकान पर गया था और तभी 17 साल की नाबालिग लड़की घर पर अकेली थी. मृतका के पिता ने बताया कि रात को जब वह घर पहुंचा, तो वह लहूलुहान हालात में मिली. इसकी शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अनुसंधान शुरू किया.

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वहीं, मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मृतका 4 महीने की गर्भवती थी. इस कारण पुलिस ने भूर्ण का डीएनए करवाने के लिए सैंपल लिया. लेकिन, जब मां के बयान कोर्ट में दर्ज हुए तब सामने आया कि पिता ही लंबे समय से बेटी का दुष्कर्म कर रहा था, जिसके कारण वह चार महीने की गर्भवती हो गई थी. मृतका की मां ने बताया कि लोहे की रॉड से हमला कर उसकी हत्या कर दी थी.

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मामले में पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. तब से मामला कोर्ट में विचाराधीन था. वहीं, इस मामले में 18 गवाहों के बयान के बाद सोमवार को पोक्सो कोर्ट क्रम-1 के विशिष्ट न्यायाधीश अशोक चौधरी ने मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी पिता को दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास और हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने आरोपी पिता पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.

विशिष्ट लोक अभियोजक प्रेम नारायण नामदेव का कहना है कि न्यायालय ने इस पूरी घटना को जघन्य ने माना है, क्योंकि इस मामले में पिता के घर पर ही बेटी सुरक्षित नहीं थी.

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