कोटा.नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) ने नीट यूजी 2021 परीक्षा का परिणाम 1 नवंबर को जारी कर दिया था. लेकिन अबतक भी एमबीबीएस, बीडीएस और आयुष अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज की सीटों पर प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. इसके कारण सफल अभ्यर्थी निराश हैं.
एनटीए (NTA) ने 8 लाख 70 हजार से अधिक परीक्षार्थियों को सफल घोषित किया है. ये सभी सफल विद्यार्थी मेरिट सूची के आधार पर देश के विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए कतार में हैं. लेकिन काउंसलिंग शुरू नहीं होने से विद्यार्थियों में निराशा है. एनटीए का कार्य परीक्षा आयोजित कर परिणाम जारी करने तक ही सीमित है. देश के सभी मेडिकल संस्थानों में प्रवेश डायरेक्टर जनरल आफ हेल्थ साइंसेज (director general of health sciences) नई दिल्ली की गठित मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) और स्टेट काउंसलिंग कमेटी की ओर से नीट की मेरिट के आधार पर दिया जाते हैं.
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कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नीट-यूजी के आधार पर काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई सभी विद्यार्थियों के बीच गवर्नमेंट एमबीबीएस सीट को लेकर ही क्रेज है. बीते सालों के आंकड़ों से यह स्पष्ट हो जाता है कि आयुष-पाठ्यक्रमों और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर विद्यार्थीयों और अभिभावकों में कोई विशेष रुचि नहीं है. आयुष में सिर्फ कुछ बड़े संस्थानों की आयुर्वेद सीटों पर विद्यार्थियों की रुचि है. लेकिन इन सीटों पर भी प्रवेश विद्यार्थियों की प्राथमिकता नहीं है.
बीडीएस की सीटों पर प्रवेश के हाल तो अत्यंत निराशाजनक हैं. डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (Dental Council of India) के जारी किए गए साल 2020 के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 315 डेंटल-संस्थान हैं. इनमें बीडीएस की 27285 सीटें हैं. लेकिन साल 2020 में महज 21614 सीटों पर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था. जबकि 5671 बीडीएस सीटें खाली रही थीं.