कोटा. जिले के गैंता गांव में लोग न तो कोरोना गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं और न ही अपने जीवन को लेकर उनमें किसी तरह की परवाह नजर आती है. प्रशासन भी यहां उदासीन बना हुआ है. गांव की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया कि यहां अभी तक आरटी-पीसीआर जांच शिविर तक नहीं लगा है.
गांव के लोग कहते हैं कि गांव में कोरोना वैक्सिनेशन शिविर भी नहीं लगा. गांव में पीएचसी है लेकिन सुविधाएं नाम मात्र की हैं. यहां किसी प्रकार की जांच नहीं हो पाती. मरीज को जांच करवाने के लिए इटावा जाना पड़ता है.
जागरुकता मुहिम का कोई असर नहीं
गांव में सरकार की ओर से चलाई जा रही जागरूकता मुहिम का भी असर देखने को नहीं मिल रहा है. इससे गांवों में बीमारियां बढ़ने की आशंका है. इटावा उपखंड क्षेत्र के गैंता में पीएचसी में आने वाले मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है. गैंता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रोज 40 से 50 मरीज इलाज कराने आ रहे हैं. इनमें खाँसी, जुकाम,बुखार के मरीजों की तादाद ज्यादा है. लोग गांव के स्तर पर ही दवाएं ले रहे हैं. आरटीपीसीआर जांच नहीं होने से इनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि भी नहीं हो रही है. जिससे कोरोना विस्फोट होने की आशंका है.
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