कोटा. सिविल एविएशन व एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों की मंगलवार को दिल्ली में बैठक हुई. जिसमे कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने को मंजूरी मिल गई है. इसमें संबंधित नक्शे 15 जनवरी तक कोटा प्रशासन को भेजे जाएंगे. जिसके आधार पर फरवरी से जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी. कोटा में दो बार सर्वे करके गई टीम ने भी माना है कि जो जमीन चयनित की गई है, वह एयरपोर्ट बनाने के लिए उपयुक्त है.
कोटा के नए एयरपोर्ट को मिली मंजूरी दिल्ली में हुई बैठक में एयरपोर्ट के लिए देवरिया, तुलसी, झाखमूंड, बालापुरा व कैथूदा की 836.20 हेक्टेयर जमीन पर चर्चा की गई. इसमें 722.07 हेक्टेयर जमीन वन विभाग की है. इसमें कोटा में सर्वे करने वाली टीम के डायरेक्टर भी शामिल हुए सर्वे में प्रस्तावित जमीन के 2 पार्ट बनाए गए थे. पार्ट ए की 515.10 हेक्टेयर जमीन को रिजर्व में रखा गया है. जिसका उपयोग भविष्य में किया जाएगा. इसके अलावा पार्टी की 836.20 हेक्टेयर जमीन नए एयरपोर्ट हवाई पट्टी के लिए उपयुक्त है. यहां पर एयरपोर्ट बनाया जाएगा.
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इन दो वजहों से मिली ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की मंजूरी:-
- विंड डायरेक्शन मैं कोई वादा नहीं
बैठक में बताया कि नए एयरपोर्ट पर विंड डायरेक्शन में कोई बाधा नहीं है. इसके 12 किलोमीटर की परिधि में कोटा सुपर पावर थर्मल की चिमनियां भी है, लेकिन उनका असर विंड डायरेक्शन पर नहीं पड़ रहा. इसीलिए यहां एयरपोर्ट बनाने में कोई बाधा नहीं है. हालांकि यहां पर हाईटेंशन लाइन है जिसे यहां से शिफ्ट किया जाएगा.
- यात्री भार का भी किया सर्वे
सर्वे टीम ने यहां से मिलने वाले यात्री बाहर का भी सर्वे किया है. एयरपोर्ट बनाने वह विमान सेवा शुरू करने के बाद यदि यहां से यात्री बाहर नहीं मिले, तो इसका उपयोग किसी काम का नहीं है. लेकिन सर्वे में पाया गया है कि यहां से पर्याप्त यात्री बाहर मिलेगा जिससे इसकी उपयोगिता बढ़ेगी.
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आगे क्या रहेगा:-
15 से 30 जनवरी के बीच नक्शे और जमीन के बारे में एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से सूचना दी जाएगी. इसके बाद राज्य सरकार फैसला करेगी, वन विभाग की जमीन के बदले जमीन देने का प्रोसेस होगा. जिससे करीब 6 माह लगेंगे. इसके बाद एयरपोर्ट बनाने के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार व एयरपोर्ट अथॉरिटी के बीच में एमओयू होगा. इसमें तय होगा कि कौन कितना पैसा लगाएगा, किसकी क्या भागीदारी रहेगी. इसी प्रक्रिया में पूरा 1 साल का समय लगेगा एमओयू होने के बाद एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी. जिसमें करीब 3 साल का समय लगेगा. सब कुछ सही चलता रहा तो 4 साल में कोटा को नया एयरपोर्ट मिल जाएगा.
नक्शे तैयार करने का काम शुरू, इसी आधार पर आबंटित होगी जमीन
नए एयरपोर्ट के नक्शे तैयार किए जा रहे हैं. इसके आधार पर ही जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी. इस बैठक में कोटा से कलेक्टर ओम कसेरा यूआईटी उपसचिव अंबा लाल मीणा तथा तहसीलदार रामकल्याण भी शामिल हुए. भारत सरकार के सचिव के नेतृत्व में हुई हाई लेवल कमिटी की बैठक में सिविल एविएशन एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ ही जयपुर में भी सिविल एविएशन के निदेशक शामिल हुए थे.