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कोटा नगर निगम चुनाव: मंत्री धारीवाल के घर के बाहर धरने पर बैठा कांग्रेस कार्यकर्ता - Congress workers protest in Kota

कांग्रेस से वार्ड पार्षद का टिकट नहीं मिलने पर एक कार्यकर्ता ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के घर के बाहर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गया. दिया. हालांकि उन्होंने मंत्री धारीवाल का विरोध नहीं किया. वहीं इसकी सूचना पर पुलिस जाप्ता भी मौके पर पहुंच गया.

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वार्ड पार्षद का टिकट नहीं मिलने से धरने पर बैठा कार्यकर्ता

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Published : Oct 15, 2020, 11:03 PM IST

कोटा.नगर निगम चुनाव में कशमकश टिकट को लेकर कांग्रेस और भाजपा में लगातार कशमकश जारी है. इसी बीच गुरुवार को एक नजारा यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के घर के बाहर देखने में आया. जहां वार्ड नंबर 15 से कांग्रेस का टिकट मांग रहे राज सिंह आमेरा अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए और धरने पर बैठ गए. हालांकि उन्होंने कहा कि वह मंत्री धारीवाल का विरोध करने नहीं आए हैं. वह केवल अपनी बात रखने के लिए आए हैं, क्योंकि उन्होंने जो आवेदन वार्ड से टिकट मांगने के लिए दिया था. उसे कचरे के डब्बे में फेंक दिया गया है.

वार्ड पार्षद का टिकट नहीं मिलने से धरने पर बैठा कार्यकर्ता

घटना गुरुवार शाम को हुई जब अचानक राज सिंह आमेरा और उनके समर्थक यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के सिविल लाइंस स्थित मकान के बाहर पहुंच गए. इसकी सूचना पर पुलिस भी अलर्ट हो गई और बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंच गया. यह जाप्ता मंत्री धारीवाल के घर के बाहर खड़ा हो गया. वहीं जो लोग वार्ड नंबर 15 से आए थे, वह सड़क पर ही सोशल डिस्टेंसिंग बना कर बैठ गए.

इन लोगों के साथ आए राज सिंह आमेरा का कहना है कि वे 13 साल की उम्र से ही कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ 7 मुकदमें आ गए, यूडीएच मंत्री धारीवाल के लिए वे लगातार काम करते रहे हैं. लेकिन उन्हें जानकारी मिली है कि उन्होंने जो आवेदन टिकट देने के लिए जो किया था, उसे सूची में शामिल ही नहीं किया गया है. हालांकि ये लोग यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के समर्थन में ही नारेबाजी करते रहे.

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राज आमेरा ने कहा कि जनरल की सीट काफी सालों बाद आई है. ऐसे में वे ही टिकट के उचित दावेदार हैं. यहां के स्थानीय नागरिकों को भी पता है कि मेरा टिकट कंफर्म है और सीट भी आसानी से निकल रही है. मैंने एरिया में पानी की टंकी से कर लेकर लाइट, बिजली और केईडीएल स्मार्ट मीटर के लिए लड़ाई लड़ी है. लाठियां भी मैंने खाई है. मेरा पूरा कैरियर मैंने लोगों के लिए समर्पित कर दिया. मैं मंत्री धारीवाल के घर के बाहर न्याय के लिए बैठा हूं, जब तक न्याय नहीं होगा. मैं यहीं बैठा रहूंगा, मुझे मंत्री धारीवाल से पूरी उम्मीद है.

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