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पीएम मोदी ने महात्मा गांधी की परिभाषा ही बदल दी पहले गरीब का हित देखते थे, अब सबसे अमीर का- भरत सिंह

कोटा में कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली और किसान सम्मेलन आयोजित किया. दशहरा मैदान के पशु मेला स्थल पर आयोजित ट्रैक्टर रैली को संबोधित करते हुए सांगोद के विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध किसान बीते 2 महीने से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा सहित पूरे देश भर में कर रहे हैं, इसके बावजूद भी केंद्र सरकार की नींद नहीं टूट रही है.

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कोटा में कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस का किसान सम्मेलन

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Published : Feb 6, 2021, 8:22 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 8:56 PM IST

कोटा. कांग्रेस ने कोटा में आज कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली और किसान सम्मेलन आयोजित किया. दशहरा मैदान के पशु मेला स्थल पर आयोजित ट्रैक्टर रैली को संबोधित करते हुए सांगोद के विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध किसान बीते 2 महीने से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा सहित पूरे देश भर में कर रहे हैं. इसके बावजूद भी केंद्र सरकार के नींद नहीं टूट रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोई व्यक्ति सो रहा हो उसे जगाया जाए, तो वह जग जाता है, लेकिन अगर वह सोने का नाटक कर रहा है और उसे जगाने की कोशिश की जाए तो वह नहीं जागता है. इसी तरह से केंद्र सरकार भी कृषि कानूनों पर अपना रुख किए हुए हैं.

कोटा में कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस का किसान सम्मेलन

भरत सिंह ने कहा कि जिस तरह से रावण का अहंकार का प्रतीक था, उसके पुतले को हर साल जलाकर हम संदेश देते हैं कि अहंकार का अंत बुरा होता है, उसी तरह से केंद्र सरकार भी हठधर्मिता और अहंकार अपनाए हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि देश के किसानों ने जो कृषि कानून मांगे ही नहीं, उनको क्यों थोपे जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सद्बुद्धि मिलनी चाहिए, ताकि वे इन तीनों कृषि कानूनों को वापस ले ले और किसानों को राहत दे.

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इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के समय दो महापुरुष गुजरात से थे, जिनमें महात्मा गांधी और दूसरे सरदार पटेल थे. अब इस समय भी गुजरात से ही दो बड़े पदों पर बैठे हुए लोग हैं, जिनमें एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे गृह मंत्री अमित शाह हैं. महात्मा गांधी हमेशा कहते थे कि कोई भी काम करने से पहले देश के गरीब आदमी की तरफ एक बार देख लिया जाए, ताकि उसके लिए ही यह कार्य हो और उसे को इसका अहित नहीं हो. इसकी परिभाषा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उल्टा कर दिया है. वह कोई भी काम करने के पहले यह देखते हैं कि देश के सबसे अमीर आदमी के लिए यह फायदेमंद रहेगा या नहीं और उसके लिए जो फायदेमंद होता है, उसी कार्य को किया जाता है. यह कृषि कानून भी केवल देश के सबसे अमीर आदमी को फायदा पहुंचाने के लिए हैं.

Last Updated : Feb 6, 2021, 8:56 PM IST

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