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लालचंद मौत मामले में कोटा मेडिकल कॉलेज को क्लीन चिट, शव के समय से मोर्चरी नहीं पहुंचने पर अस्पताल अधीक्षक को नोटिस

कोटा के मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल की कोरोना सस्पेक्टेड वार्ड में भर्ती मरीज के मिर्गी का दौरा आने पर पलंग से गिरने और उपचार में देरी के मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने स्टाफ को क्लीन चिट दे दी है. वहीं, शव को देरी से मोर्चरी भेजने के संबंध में लापरवाही मानते हुए मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील को कारण बताओ नोटिस दिया गया है.

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मिर्गी का दौरा और उपचार में देरी मामले में अस्पताल को क्लीन चिट

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Published : Jun 1, 2020, 7:45 AM IST

कोटा. मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल की कोरोना सस्पेक्टेड वार्ड में भर्ती मरीज के मिर्गी का दौरा आने पर पलंग से गिरने और उपचार में देरी के मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने स्टाफ को क्लीन चिट दे दी है. प्राचार्य और कलेक्टर के स्तर पर गठित कमेटी ने अस्पताल की कोई गलती इसमें नहीं बताई गई है. रिपोर्ट में चिकित्सीय लापरवाही से मृत्यु के साथ साक्ष्य नहीं मिले हैं. बताया जा रहा है कि मरीज को अन्य रोग भी थे.

मिर्गी का दौरा और उपचार में देरी मामले में अस्पताल को क्लीन चिट

हालांकि, मृत्यु के बाद शव को देरी से मोर्चरी भेजने के संबंध में लापरवाही मानते हुए मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. इस संबंध में एपीओ किए गए कंपाउंडर ओमप्रकाश मीणा को अभी एपीओ ही रखा है. साथ ही रविवार देर रात मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने अस्पताल के कोविड-19 हॉस्पिटल का पूरा जायजा लिया और मरीजों से भी चर्चा की है और उनकी समस्याओं को जाना.

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इस दौरान डॉ. चंद्रशेखर सुशील, अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय, आचार्य विभाग अध्यक्ष यूरोलॉजी डॉ. नीलेश जैन, वरिष्ठ आचार्य मेडिसन डॉ. मीनाक्षी शारदा, आचार्य अस्थि रोग विभाग डॉ. आरपी मीणा, नर्सिंग अधीक्षक हंसराज शर्मा और नर्सिंग अधीक्षक सुपर स्पेशयलिटी ब्लॉक हरिचरन सोनी शामिल रहे.

इन मानकों पर होगा सुधार

  • सुबह और शाम वरिष्ठ संकाय सदस्य पीपीई किट पहनकर चिकित्सालय का दौरा करेंगे. मरीजों से मिलकर उनकी समस्या और इलाज की वस्तु स्थिति की जानकारी लेंगे. इनके साथ नर्सिंग इंचार्ज भी साथ में रहेंगे.
  • नवीन चिकित्सालय एसएसबी ब्लॉक में अभी तक एक ही नर्सिंग सुपरवाइजर पदस्थापित है. इस संबंध में समिति ने निर्णय लिया कि दोनों चिकित्सालय के लिए अलग अलग नर्सिंग सुपरवाइजर पदस्थापित किए जाएंगे.
  • अस्पताल में भर्ती रोगी का हाल-चाल जानने के लिए आने वाले परिजनों की सुविधा के लिए नवीन चिकित्सालय में हेल्पडेस्क बनाई गई है. जहां पर परिजन मरीज से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
  • वार्डों में भर्ती रोगियों के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी.
  • ड्यूटी पर उपस्थित नर्सिंग स्टाफ अपने ड्यूटी रूम में नहीं बैठकर केंद्रीय नर्सिंग स्टेशन पर बैठेंगे, जिससे कि जरूरत पड़ने पर एक का उपयोग दूसरी जगह भी किया जा सके.
  • मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे रेजीडेंट और फैकल्टी के साथ लगातार बैठक करें, ताकि उपचार का स्तर बना रहे.

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