कोटा.सरकार ने स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पाद बिक्री पर रोक लगाई हुई है. इन नियमों की धज्जियां उड़ते हुए (CBSE tobacco free campaign) स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के आसपास धड़ल्ले से तंबाकू उत्पादों की बिक्री जारी है. स्कूली छात्र भी बड़ी मात्रा में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं. यह संख्या करीब साढ़े आठ फीसदी से ज्यादा है. जिसके चलते सीबीएसई ने नोटिफिकेशन जारी कर 'तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान' की शुरुआत की है.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि जारी किए गए नोटिफिकेशन में ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (GYTS) 2019 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया गया है कि 13 से 15 वर्ष की उम्र के 8.5 फीसदी स्कूली विद्यार्थी तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन को यह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भेजा है, जिसमें युवाओं में तंबाकू के प्रति आकर्षण को देश के लिए खतरा बताया है. यह भी माना गया है कि दुनिया भर में तंबाकू सेवन से होने वाले मौत और बीमारी को रोका जा सकता है.
लड़कियों में भी बढ़ रहा तंबाकू सेवन की प्रवृत्ति:इस सर्वे के फैक्ट्स में आया है कि स्कूली छात्राओं में तंबाकू उत्पादनों के सेवन का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. जिसका जिक्र सीबीएसई ने इस सर्कुलर में किया है. इसके अनुसार तंबाकू का उपयोग करने वाले बच्चों के अनुपात में गिरावट आई है. हालांकि लड़कियों में तंबाकू का सेवन बढ़ रहा है. बच्चों और युवा वयस्कों को तंबाकू के सेवन की शुरुआत से बचाने के उद्देश्य से सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम में कई प्रावधान किए गए हैं. सीबीएसई ने सभी प्रिंसिपल को पत्र के जरिए (कोटपा) 2003 एक्ट का ठीक से क्रियान्वयन करने के लिए कहा है. जिसमें शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक, कम उम्र के व्यक्तियों को और उनके तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का प्रावधान है.