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Published : Jun 14, 2021, 10:26 AM IST

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सीबीएन ने पूरे साल में पकड़ा 25 करोड़ का नशीला जखीरा, 21 कार्रवाइयों में 34 लोगों को किया गिरफ्तार

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने पिछले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में ताबड़तोड़ कार्रवाइयां की हैं. सीबीएन ने पूरे साल में 21 कार्रवाई करते हुए 34 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा काफी मात्रा में नशीले पदार्थों या नशे में उपयोग की जाने वाली सामग्री जब्त की है.

CBN Action in Rajasthan, Central Narcotics Bureau
सीबीएन ने पूरे साल में पकड़ा 25 करोड़ का नशीला जखीरा

कोटा.केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने पूरे पिछले वित्तीय वर्ष में 21 कार्रवाई करते हुए 34 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा भारी मात्रा में नशीले पदार्थों या फिर नशे में उपयोग की जाने वाली सामग्री जब्त की है. जिनकी कीमत 25 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है. हालांकि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में दोगुनी से ज्यादा कीमत हो सकती है.

सीबीएन ने पूरे साल में पकड़ा 25 करोड़ का नशीला जखीरा

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के उपायुक्त विकास जोशी का कहना है कि छापेमारी या मुखबिर सूचना पर यह कार्रवाई की गई है. यह अधिकांश कार्रवाई कोटा, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा व सवाई माधोपुर जिलों में की गई है. इसके अलावा पिछले साल 33145 अफीम उत्पादन के लिए पट्टे जारी किए गए थे. इनमें 2768 हेक्टेयर भूमि पर अफीम की खेती की गई थी. जिसमें से एक लाख 60 हजार किलो अफीम का उत्पादन हुआ है. इस पूरी अफीम को एकत्रित करते हुए नीमच फैक्ट्री भेज दिया है. जहां पर उसका उपयोग किया जाएगा.

उत्पादन स्थल से जितनी दूरी उतनी ज्यादा कीमत

नशीले पदार्थों की तस्करी लंबे समय से अवैध रूप से किया जा रहा है. इसमें कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है, लेकिन नशे का नेटवर्क अभी भी काफी फैला हुआ है. इसमें जहां पर उत्पादन होता है, उसके आसपास के जिलों में तो कीमत कम होती है. ऐसे में यहां के लोग उन्हें ले जाकर बड़े शहरों या दूसरे राज्यों में तस्करी के जरिए बेच देते हैं. ऐसे में स्थानीय स्तर पर काफी कम कीमत पर यह मिल जाता है. वहीं जहां सप्लाई होना होता है. उसमें दूरी के अनुसार काफी पैसा मिलता है. ऐसे में इसका परिवहन भी धड़ल्ले से अपराधी कर रहे हैं.

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विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह से कोटा संभाग के कुछ जिलों और चित्तौड़गढ़ इलाके में अफीम का उत्पादन होता है. यहां पर कीमत कम है, लेकिन जब दूसरे बड़े शहरों में इसे पहुंचा दिया जाता है, तो कीमत 5 लाख रुपए हो जाती है. वहीं अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इसकी कीमत 10 लाख रुपए से भी ज्यादा है.

सवाई माधोपुर में अफीम और गांजे की खेती मिली

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के उपायुक्त विकास जोशी ने बताया कि सवाई माधोपुर जिले में अफीम खेती के लिए पट्टे भी नहीं जारी किए हुए हैं, लेकिन वहां पर अवैध रूप से खेती की जा रही थी. इसकी सूचना पर पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की थी, जिसमें 8696 वर्ग मीटर भू भाग पर अवैध रूप से खेती की गई थी. जिसे नष्ट करवाया गया है. इसमें करीब 75 किलो अफीम का उत्पादन हो जाता. इसी कार्रवाई के दौरान 730 गांजे के पौधे भी मिले थे, जिनसे करीब 1 क्विंटल गांजा उत्पादित हो जाता.

श्रीगंगानगर में पकड़ा था नशीली दवाओं का जखीरा

सीबीएन के उपायुक्त जोशी का कहना है कि उन्होंने श्रीगंगानगर में भी करीब 2 लाख 72 हजार नशीली दवाएं पकड़ी थी. इनमें ब्यूटो नॉर्दफिन, कोडीन फास्फेट सिरप, अल्प्राजोलम दवा व इंजेक्शन शामिल है.

ये किये गए हैं जब्त

मादक पदार्थमात्राकेसकीमत
अफीम 255 किलो 6 13 करोड़
डोडाचूरा 11000 किलो 7 6 करोड़
अफीम खेती 75 किलो 2 4 करोड़
अल्प्राजोलम पाउडर 2 किलो 1 10 लाख
हेरोइन 265 ग्राम 1 27 लाख
गांजा खेती 1 क्विंटल 1 10 लाख
नशीली दवाइयां पौने तीन लाख 2 25 लाख

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