कोटा. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की टीम ने कोटा रेलवे मंडल में छापेमारी की है. इस दौरान 40 करोड़ रुपए से ज्यादा के (CBI raid in Kota Railway Division) घोटाले की आशंका जताई जा रही है. . यह घोटाला मार्बल पाउडर भेजने से जुड़ा हुआ है जिसे फिटकरी पाउडर बताते हुए भेजा गया है. बताया जा रहा है कि ऐसी करीब 100 मालगाड़ियां कोटा से गुवाहाटी आसाम भेजी गईं हैं.
जिन्हें कोटा रेल मंडल के भरतपुर, कोटा, रावठा रोड और मांडलगढ़ माल गोदाम से आसाम गुवाहाटी भेजा गया. यह पूरा काम एक फार्म को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है. इन्होंने एक भी मालगाड़ी में एलम पाउडर नहीं भेजा है. इसकी जगह पर मार्बल पाउडर ही भेजा गया है. जबकि रेलवे में ऑनलाइन ही रैक बुक होने के बाद ही यह माल भरा जाता है. सीबीआई के राडार पर इसमें 100 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं. इस पूरे गड़बड़झाले के चलते रेलवे को 40 करोड़ के नुकसान पहुंचने की आशंका है.
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इस तरह से हुआ 40 करोड़ के गड़बड़झाले की आशंका: सीबीआई के अनुसार इन मालगाड़ियों में फिटकरी के नाम पर मार्बल पाउडर भेजा गया है. जबकि फिटकरी भेजने का किराया 1200 रुपए प्रति टन है. मार्बल पाउडर का किराया 2800 से 2900 रुपए प्रति टन है. एक मालगाड़ी में 60 डिब्बे होते हैं और एक डिब्बे में 42 टन से ज्यादा माल आता है. इन मालगाड़ियों में मार्बल पाउडर भेजा गया है, जिसमें एक मालगाड़ी से किराया करीब 70 लाख 56 हजार रुपए होना था. जबकि पैसा फिटकरी पाउडर की दर से 30 लाख 24 हजार वसूला है. ऐसे में एक मालगाड़ी में करीब 40 लाख 32 हजार रुपए से ज्यादा का नुकसान रेलवे को होने की आशंका है.
अभी तक 100 माल गाड़ियों की पुष्टि, जांच जारीः सीबीआई सूत्रों का कहना है कि अभी 1 साल के रिकॉर्ड की जांच की गई है और स्टाफ से भी पूछताछ कर मौके से पाउडर के सैंपल भी लिए हैं. इसमें अभी तक भेजे गए माल में करीब 100 गाड़ियों की पुष्टि हो गई है. लेकिन अभी भी जांच जारी है. यह मालगाड़ियां जांच में बढ़कर ज्यादा हो सकती हैं. यह काम बीते कई सालों जारी है. इस पूरे सिस्टम में नीचे के छोटे कर्मचारियों से लेकर ऊपर बड़े अधिकारियों तक पूरी चेन बनी हुई है. इसके जरिए केवल एक ही फर्म को फायदा हुआ है. सीबीआई के सूत्रों ने इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है.