कोटा. जेके लोन अस्पताल कोटा में 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का मामला तूल पकड़ता ही जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से गठित 3 सदस्य चिकित्सक कमेटी जयपुर से कोटा आकर जांच कर रही है. वहीं चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने भी आज कोटा पहुंचकर पहले तो अधिकारियों की सर्किट हाउस में मीटिंग ली. इसके बाद उन्होंने जेके लोन अस्पताल में भी अधिकारियों की मीटिंग ली.
डॉ. एससी दुलारा बने जेके लोन अस्पताल के नए अधीक्षक साथ ही पूरे शिशु रोग विभाग का जायजा लिया. इसके साथ ही राज्य सरकार ने बच्चों की मौत के मामले में लापरवाही का दोषी मानते हुए जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एचएल मीणा को पद से हटा दिया है. उनके स्थान पर एनेस्थीसिया विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. एससी दुलारा को अधीक्षक का कार्यभार सौंपने के आदेश जारी किए है. डॉ. दुलारा जल्द ही जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक का पदभार ग्रहण करेंगे. साथ ही अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने की बात भी उन्होंने कही है.
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गौरतलब है कि बच्चों की मौत के मामले में राज्य सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है. इस मामले में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ सहित कई नेताओं ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर राज्य सरकार को जमकर घेरा है.
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वहीं इस मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी ट्वीट कर व्यवस्थाएं सुधारने की बात कही है. इसके बाद ही सीएम अशोक गहलोत के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 3 सदस्य कमेटी गठित कर मामले की जांच के लिए कोटा भेजा है. वहीं चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया भी कोटा पहुंचे.
साथ ही कोटा पहुंचे चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने भी व्यवस्थाओं को सुधारने को लेकर कई दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि एनआईसीयू में ऑक्सीजन लाइन, इंफेक्शन मॉनिटरिंग व उसकी क्वालिटी रिपोर्ट को इंप्रूव करने, मरीजों के बेड व वार्मर को फ्यूमिगेशन सहित कई व्यवस्थाओं में बदलाव करने के निर्देश दिए हैं.