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किराये पर मिल रहे 'रिश्तेदार', सगे-संबंधी बताकर कोरोना मरीजों की देखभाल के लिए रखे जा रहे केयरटेकर - Hire a caretaker

कोविड वार्डों में मरीजों के आसपास सगे सम्बंधी भी नहीं जा रहे हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए उन्होंने मरीज की देखभाल के लिए नया तरीका निकाल लिया है. उन्होंने खुद देखभाल करने के बजाए कोरोना मरीज के लिए केयर टेकर रख लिया है जो बीमारी से पीड़ित मरीज के पास ही रहता है. हालांकि इस केयरटेकर को रिश्तेदार और सगे-सबंधी बता कर रखा जा रहा है.

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कोरोना मरीजों के लिए केयरटेकर

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Published : May 18, 2021, 5:56 PM IST

कोटा. कोरोना संक्रमण काल ने रिश्तों के मायने ही बदल दिए हैं. संक्रमण काल में अब लोगों की संवेदना भी कम होती जा रही है. जान की आफत लोगों को अपनों से दूर करती जा रही है. कुछ ऐसा है कोटा के कोविड वार्डों में इन दिनों देखने को मिल रहा है. ऐसे में कोविड मरीजों की देखरेख के लिए लोग खुद न रुककर केयरटेकर रख रहे हैं. पैसे देकर उन्हें मरीज की देखभाल के लिए रखा जा रहा है. जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड केयर सेंटर में कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिल रहा है. हालांकि ये केयरटेकर मरीज के रिश्तेदार और सगे संबंधी बताकर मरीज के साथ रहते हैं.

कोरोना मरीजों के लिए केयरटेकर

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700 से1000 रुपये तक ले रहे किराये के 'रिश्तेदार'

केयरटेकर के रूप में काम कर रहे लोग परिजनों से मरीजों की देखभाल के लिए अच्छा पैसा भी वसूल रहे हैं. मरीज की देखभाल के लिए परिजनों की जरूरत को देखते हुए केयरटेकर 700 से 1000 रुपये तक एक दिन का ले रहे हैं. वहीं जब तक मरीज भर्ती रहता है तब तक वे देखभाल करते हैं.

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मेडिकल कॉलेज के एसएसबी सेंटर में गंगापुर सिटी से आएआरएसएस के कार्यकर्ता को कोविड पॉजिटिव होने के बाद उसे वहां के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां पर हालत चिंताजनक बनने के बाद उसे कोटा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया गया. वहीं उनकी पत्नी ने बताया कि उनकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं आया है. वहीं उनकी देखभाल के लिए केयरटेकर की मांग कर रही हैं. उसका कहना है कि दो-चार दिन से एक युवक उनकी देखभाल करता था जो 700 रुपये लेता था. वह भी काम छोड़ कर चला गया है. अब वह दूसरे केयरटेकर की तलाश कर रही हैं.

जब एक केयर टेकर से बात की तो उसने बताया कोरोना संक्रमण के चलते काम धंधा बंद हो गया तो किसी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में मरीजों की देखरेख के लिए व्यक्तियों की आवश्यकता है. ऐसे में यहां आकर यह कार्य कर रहा हूं. उसने बताया कि सुरक्षा इंतजाम में मास्क और ग्लब्स दिए जाते हैं. पीपीई किट नहीं दी जाती है. ऐसे व्यक्ति दिन भर मरीज के पास रहकर उसकी देखभाल करते हैं. ऐसे में इन केयरटेकर से बाहर के लोगों में भी संक्रमण फैलने का खतरा है. ऐसा ही कुछ मुक्तिधाम में भी देखने को मिला. यहां पर भी किराए के व्यक्तियों से कोरोना से मृत व्यक्ति का दाह संस्कार करवाया जा रहा है.

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