कोटा. जिले में कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन से व्याापार और उद्योग जगत काफी ज्यादा प्रभावित हुआ है. इसके चलते गुरूवार को व्यापारियों, उद्यमियों और कोचिंग संस्थान संगठनों ने बैठक कर झालावाड़ रोड स्थित पुरूषार्थ भवन में स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को 32 सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा. व्यापारियों, उद्यामियों और कोचिंग संस्थान संगठनों ने राज्य सरकार की ओर से जल्द राहत दिए जाने की उम्मीद की है.
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले करीब 2 महीने से पूरे देश में लॉकडाउन है. काफी लंबे वक्त तक सब कुछ बंद होने के कारण सभी व्यवस्थाएं ठप पड़ गई हैं. जनजीवन के साथ ही व्यापार और उद्योग जगत पर भारी विपरित असर पड़ा है. शहर से कोचिंग स्टूडेंट्स जा चुके हैं और लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में उनके सामने परिवार के पालन-पोषण की समस्या है.
कोटा में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को सौंपा गया मांग-पत्र मुसीबत के इस वक्त में कोचिंग नगरी को फिर से पहले जैसी स्थिति में लाने और उद्योगों को पटरी पर लाकर जनजीवन को सामान्य करने के लिए व्यापारियों और उद्यामियों के समस्त ट्रेडोंं ने राज्य सरकार से आग्रह किया गया कि उनकी मांगोंं पर त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत प्रदान की जाए.
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वहीं, 32 सूत्रीय मांग-पत्र पर स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मुझसे किसी प्रकार की उम्मीद ना करें. पूरा देश कोरोना संक्रमण से जुझ रहा है. इसका असर कोटा शहर ही नहीं, बल्कि पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है. ये लड़ाई लंबी चलेगी. उन्होंने कहा कि आखिर कब तक सरकार मदद करेगी, इस स्थिति से लड़ने के लिए खुद सीखना होगा. केंद्र और राज्य सरकार से अपेक्षा ना करें.
साथ ही शांति धारीवाल ने कहा कि जनता की रक्षा को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी का पालन करना राज्य सरकार का दायित्व है. इसलिए राज्य सरकार ऐसे किसी भी कार्य को करने में असक्षम है, जो केंद्र सरकार की गाइडलाइन के विरोध में है. इसका पालन करना हर नागरिक, व्यापारी और उद्यमी का भी दायित्व है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि व्यापारी निगम यूडी टैक्स के अलावा एक पैसा जमा नहीं करता और सुविधा लेने में आगे रहता है. बड़ी कंपनियों से टैक्स पहले वसूला जाएगा. इसके बाद मध्यम और लघु व्यापारियों से टैक्स लिया जाएगा. कोचिंग संस्थानों के संबंध में शांति धारीवाल ने कहा कि इन्हें फिर से खड़ा होने के लिए स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता को सुरक्षा का भरोसा दिलाना होगा.