कोटा. शहर के बंद कोचिंग संस्थानों को खुलवाने के लिए कोटा व्यापार महासंघ आंदोलनरत है. शुक्रवार को इसी क्रम में नए साल के अवसर पर गणेश मंदिर के दर्शन और पैदल पदयात्रा का कार्यक्रम व्यापार महासंघ की ओर से रखा गया. इसको लेकर महासंघ से जुड़े हुए व्यापारी, कोचिंग संस्थान के लोग, हॉस्टल व्यवसायी और वहां काम करने वाले सभी कार्मिक शामिल हुए.
हजारों की संख्या में एकत्रित हुए लोग ओम सिनेप्लेक्स के नजदीक पहुंचे. यहां से सद्भावना पदयात्रा खड़े गणेशजी मंदिर के लिए रवाना हुआ. इसमें शामिल सभी लोग भजन गाते हुए झूमते चल रहे थे और सब की एक ही मांग थी कि कोटा की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ कोटा कोचिंग शुरू किया जाए.
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इस सद्भावना पदयात्रा में बड़ी संख्या में पदयात्री शामिल थे, जो कि कोटा की कोचिंग खुलवाने के लिए राजस्थान सरकार से मांग कर रहे थे. इन लोगों का कहना है कि सरकार कोविड-19 का खतरा कम होने के बावजूद भी कोटा के कोचिंग संस्थानों को नहीं खोल रही है.
कोटा की रीढ़ की हड्डी है कोचिंग
सद्भावना रैली के पहले कोटा शहर के प्रमुख लोगों ने संबोधित किया. इसमें कोटा को कोचिंग रीढ़ की हड्डी बताया और कहा कि अगर यह शुरू नहीं होती है, तो कोटा को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा. कोचिंग बंद होने से हॉस्टल मालिक के अलावा कोटा का पूरा व्यापार चौपट हो गया है, क्योंकि बच्चे जो यहां पढ़ने आते हैं. उन्हीं के चलते कोटा की अर्थव्यवस्था चलती है. उसी से पूरा व्यापार और हॉस्टल से लेकर रेस्टोरेंट और अन्य फुटकर व्यापार भी संचालित होते हैं.