कोटा.दिवाली का त्योहार नजदीक है, लेकिन शहर की सड़कें इसके लिए तैयार नहीं हैं. सड़कें खुदी हुई हैं और उबड़-खाबड़ हैं. सड़कों पर डायवर्जन नजर आ रहे हैं. खस्ताहाल सड़कों के चलते धूल के गुबार उड़ते नजर आते हैं. इससे आमजन तो त्रस्त है ही व्यापारियों को भी खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. कई मार्केट ऐसे हैं, जहां पर डायवर्जन होने के चलते दुकानदारों तक ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर में कहीं पर अंडरपास तो कहीं फ्लाईओवर बन रहा है, कहीं एलिवेटेड रोड तो कहीं चौराहों को विकसित किया जा रहा है. साथ ही कुछ जगहों पर आरयूआईडीपी भी सीवरेज लाइनें डाल रही है. जिससे शहर पूरी तरह से खुदा हुआ सा नजर आता है.
शहर की बात की जाए तो मुख्य बाजार गुमानपुरा और कोटड़ी से लेकर पूरा शहर अस्त-व्यस्त है. अधिकांश रास्ते डायवर्टेड हैं व इसके चलते लोग मुख्य बाजारों में नहीं पहुंच पा रहे हैं. शहर के जिन रास्तों पर सर्वाधिक समस्याएं हैं उनमें गुमानपुरा मेन मार्केट, कोटडी व छावनी रोड, इंदिरा गांधी सर्किल से घोड़े वाला बाबा चौराहा, इंदिरा गांधी सर्किल से सरोवर रोड, नयापुरा विवेकानंद चौराहे से लेकर अग्रसेन सर्किल व महर्षि नवल सर्किल और जेल रोड तक बंद हैं. व्यापारियों का कहना है कि उन्हें दिवाली के इस त्योहार पर भी नुकसान हो रहा है. क्योंकि ग्राहक उनकी दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. वैसे ही डेढ़ साल में इस बार बाजार का समय रात को बढ़कर 10:00 बजे तक हुआ है, लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिल रहा है.
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अचानक से कर देते हैं रास्ता बंद, पहले नहीं देते सूचना
व्यापारियों का कहना है कि दिवाली का त्यौहार नजदीक है. लोग खरीदारी के लिए बाजारों में निकल रहे हैं, लेकिन कब कौनसा रास्ता बंद हो जाए, यह किसी को पता नहीं होता है. निर्माण कर रही एजेंसी किसी तरह की कोई सूचना पहले नहीं देती है कि आज इस रास्ते को बंद किया जाएगा. अचानक से बड़े-बड़े बैरिकेट्ड लगा दिए जाते हैं और रास्तों को बंद कर दिया जाता है. कई बार तो ऐसा होता है कि जिस रास्ते पर से थोड़ी देर पहले गुजरे होते हैं, उसी रास्ते को डायवर्ट कर दिया जाता है.