कोटा.राजस्थान का कोटा जिला शिक्षा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखता है. कोटा को 'शिक्षा नगरी' के नाम से भी जाना जाता है. देशभर से करीब 2 लाख स्टूडेंट्स कोटा में पढ़ने के लिए आते हैं.
1 फरवरी को केन्द्र सरकार द्वारा बजट पेश किया जाएगा. ऐसे में कोटा के शिक्षण संस्थानों को इस बजट से काफी आस है. आमतौर पर देखा गया है कि बजट में शिक्षा को लेकर काफी कुछ होता है. ईटीवी भारत ने शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों और अभिभावकों से जाना कि उन्हें बजट से क्या उम्मीदें हैं.
कोटा के शिक्षाविद देव शर्मा का कहना है, कि वर्ष 2018-19 में यूनियन बजट में 94,854 करोड का बजट शिक्षा के लिए रखा गया था, यह वर्ष 2017-18 से 10,000 करोड़ ज्यादा था. इस बार मुझे उम्मीद है कि शिक्षा के लिए करीब एक लाख करोड़ के आसपास का बजट रखा जाएगा.
देव शर्मा ने कहा, कि स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. उन्हें बहुत से ऑनलाइन फॉर्म भरने होते हैं, कई बार इस फॉर्मों का शुल्क काफी ज्यादा होता है. सरकार को इस क्षेत्र में जरूरी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा, कि हमारे देश में शिक्षा पर जीडीपी का 3 से 4 प्रतिशत खर्च किया जाता है. इस बजट को बढ़ाया जाना चाहिए. सरकार के शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए.
कॉमर्स कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. कपिल देव शर्मा ने कहा, कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है. दिल्ली में अब सरकारी स्कूलों की स्थिति अच्छी हो गई है. इसके अलावा सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी पर भी काफी हद तक रोक लगाई है.