कोटा.शहर के पशु चिकित्सालय में एक पालतू कुत्ते का ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया है. चिकित्सकों ने अनुसार कुत्ते के टिक्स (चेचड़) होने के कारण उसके खून में हीमोग्लोबिन (hemoglobin in blood) की मात्रा काफी कम हो गई थी. कुत्ता काफी कमजोर हो गया और उसने 7 दिनों से खाना-पीना बंद कर दिया था.
कोटा के बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय के उपनिदेशक डॉ गणेश नारायण दाधीच ने बताया कि जगत मंदिर राम तलाई के रहने वाले कौशल के पास लैब्राडोर नस्ल (Labrador Breed) की पालतू श्वान टीना है. श्वान का हीमोग्लोबिन 4 रह गया था. जबकि चिकित्सकों का कहना है कि 6 हिमोग्लोबिन रह जाने पर श्वान को ट्रांसफ्यूजन की जरूरत होती है.
ऐसे में कौशल को डॉक्टरों ने इसी नस्ल के रक्त की व्यवस्था करने के लिए कहा. डॉ गणेश नारायण दाधीच का कहना है कि श्वानों के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12 से 15 प्रतिशत रहनी चाहिए. यह मात्रा पालतू पैट टीना में काफी कम हो गई थी. उसे चिकित्सालय में रक्त चढ़ाया गया. जिसके बाद वह एक्टिव हो गई है. डॉ गणेश नारायण दाधीच का कहना है कि कोटा संभाग में पालतू जानवर में ब्लड ट्रांसफ्यूजन करने का यह पहला केस है. इस दौरान डॉ अवनी राठौड़, डॉ ममता, डॉ बनवारी, कंपाउंडर मनोज और इमरान भी मौजूद रहे.
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