कोटा. प्रदेश की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का आरोप भाजपा पर लग रहा है. खरीद-फरोख्त के बाद भी कांग्रेस के नेता भाजपा के लिए कह रहे हैं. इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ने बागी हुए कांग्रेस के 19 विधायकों को विहिप का उल्लंघन मामले में नोटिस जारी किए हैं.
इस पूरे मसले पर पूर्व मंत्री और कोटा की रामगंजमंडी सीट से विधायक मदन दिलावर के एक पत्र ने पेंच फंसा दिया है. दिलावर ने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के विधानसभा में पारित आदेश को चुनौती याचिका के माध्यम से दी थी, जिसपर निर्णय नहीं हुआ है. इस मामले को लेकर उन्होंने एक रिमाइंडर पत्र दोबारा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को लिखा है.
हालांकि, इस पूरे मसले पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए मदन दिलावर ने आरोप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगाया कि उन्होंने बसपा के विधायकों को बड़ी मात्रा में पैसा देकर कांग्रेस में मिलाने की कोशिश की है, लेकिन यह विलय असंवैधानिक और नियम विरुद्ध है. दिलावर ने यह भी प्रश्न उठाया की एक याचिका पर 1 दिन में निर्णय कर लिया जाता है और मेरी याचिका 4 महीने से लंबित है. यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि मैंने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को रिमाइंडर करवाया है और त्वरित निस्तारण मेरी याचिका का करने की मांग की है.
पढ़ेंःबागी विधायक भूल स्वीकार कर पार्टी में आते हैं तो उनके प्रति सहानुभूति रखी जाएगीः डोटासरा
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर याचिका पर निर्णय नहीं किया जाता या न्याय संगत निर्णय नहीं होता है, तो पार्टी फोरम पर बात रखेंगे और उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे. विधायक खुले छूटते ही सरकार गिर जाएगी विधायकों को बाड़ेबंदी से मुक्त करते ही सरकार गिर जाएगी. पूर्व मंत्री दिलावर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने होटल में विधायकों की बाड़े बंदी कर रखी है. अगर विधायकों को खुला छोड़ दिया जाए, तो आज ही सरकार गिर जाए. डरा धमकाकर उन्हें प्रलोभन देकर रोका हुआ है. कांग्रेस के लोग टूट जाते हैं और संवैधानिक संकट पैदा होता है. इस पर जब राज्यपाल सरकार बनाने की अनुमति देते हैं, तो भारतीय जनता पार्टी दावा पेश करेगी.
भाजपा नहीं खरीदती, कांग्रेस का अंतर्कलह