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कोटाः बैंक कार्मिकों की दूसरे दिन हड़ताल जारी, दी ये चेतावनी

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Published : Feb 1, 2020, 1:30 PM IST

कोटा में सैकड़ों की संख्या में बैंक कार्मिक झालावाड़ रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच के बाहर एकत्रित हुए, जहां पर पहले तो इन्होंने इंडियन बैंक एसोसिएशन के चेयरमैन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही वित्त मंत्री केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ भी यह लोग नारेबाजी करते रहे, साथ ही कोटडी रोड होते हुए छावनी और वापस बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के बाहर तक इन्होंने पैदल मार्च निकाला.

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बैंक कार्मिकों की दूसरे दिन हड़ताल जारी

कोटा.यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले शनिवार को दूसरे दिन भी बैंक कार्मिकों की हड़ताल जारी रही. जिसके चलते हाड़ौती की 250 बैंक शाखाएं बंद रही. इसके साथ ही 400 करोड़ रुपए का कारोबार भी प्रभावित हड़ताल के दौरान होगा.

बैंक कार्मिकों की दूसरे दिन हड़ताल जारी

दो दिन से जारी हड़ताल के दूसरे दिन सैकड़ों की संख्या में बैंक कार्मिक झालावाड़ रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच के बाहर एकत्रित हुए. जहां पर पहले तो इन्होंने इंडियन बैंक एसोसिएशन के चेयरमैन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही वित्त मंत्री, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ भी लोग नारेबाजी करते रहे. साथ ही कोटडी रोड होते हुए छावनी और वापस बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के बाहर तक इन्होंने पैदल मार्च निकाला. जिसमें केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर तख्तियां हाथ में लिए थे.

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जब कार्मिक वापस बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के बाहर पहुंचे तो यह रैली एक आमसभा में परिवर्तित हो गई. जिसमें बैंक के नेताओं ने केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय के खिलाफ जमकर विरोधी भाषण दिए. साथ ही इन लोगों ने आईबीए चेयरमैन और वित्त मंत्री का पुतला भी झालावाड़ रोड मुख्य ब्रांच के बाहर जलाया. बैंक कार्मिकों ने साफ तौर पर चेतावनी दे दी है कि उनकी मांगों को नहीं माना जा रहा है. ऐसे में मार्च महीने में 11 से 13 मार्च तक वह हड़ताल करेंगे. साथ ही 10,14 और 15 मार्च को अवकाश है. ऐसे में छह दिन तक लगातार बैंक बंद रहेंगे, वहीं 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.

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प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि वेतन समझौते को लागू किया जाए. 5 दिन बैंकिंग की व्यवस्था हो, लीव बैंक स्थापित किया जाए, पुरानी पेंशन योजना सभी कार्मिकों के लिए लागू हो, बैंकों में नई पेंशन योजना को पूरी तरह से बंद कर दिया जाए, फैमिली पेंशन को अपग्रेड किया जाए, ऑफिसर्स के काम के घंटे तय हो, सभी बैंकों में एक समान कार्य और लंच टाइम की व्यवस्था लागू की जाए, बैंकों में बिजनेस कॉरस्पॉडेंट और कॉन्ट्रैक्ट लेबर जो है, उनको पूरा पारिश्रमिक दिया जाए. इसके अलावा एनपीए के नाम पर जो बैंकों का प्रॉफिट कम किया जा रहा है और औद्योगिक घरानों को लाभ सरकार पहुंचा रही है. उन उद्योग घरानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए.

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प्रदर्शन के दौरान बैंक नेता संजीव झा, रमेश सिंह, पदम कुमार पाटोदी, आईएल मीणा, सीएल मीणा, डीसी साहू, अशोक ढल सहित बड़ी संख्या में बैंक कार्मिक शामिल थे. इस हड़ताल में बैंक में कार्यरत तमाम कर्मचारी और अधिकारी संगठनों के संग यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (एआईबीए) के बैनर तले प्रदर्शन करने पहुंचे थे. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन में शामिल 9 कर्मचारी संगठन एआईबीईए, आईबोक, एनसीबीई, एआईबीओए, बेफी, इंबेफ, इन्बॉक, एनोबीडब्ल्यू और नोबो शामिल है.

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