कोटा.जिला परिषद में कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव को रिश्वत के प्रकरण में कुछ दिन पहले ही एसीबी ने गिरफ्तार किया गया था. उसका एक ऑडियो ईटीवी भारत को मिला है. इस ऑडियो में यह साफ जाहिर हो रहा है, कि किस तरह ग्रामीण क्षेत्र में विकास के नाम पर रिश्वतखोरी की जा रही है.
कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव और जिला प्रमुख पीए चंद्रप्रकाश ने किस तरह सरपंचों को वित्तीय स्वीकृति जारी करने के नाम पर उनसे वसूली की. उसका खुलासा एक ऑडियो क्लिप के जरिए हुआ है. इस ऑडियो को सुनकर आप समझ सकते हैं, कि आखिर ग्रामीण इलाकों तक विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा है. सरकारी योजनाओं का सिस्टम में किसी परभक्षी जीव की तरह बैठे सरकारी मुलाजिम किस तरह खून चूसने में लगे हैं. उसका खुलासा जिला परिषद के कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव और परिवादी सरपंच शिव पांचाल की कॉल रिकॉर्डिंग से हुआ है.
दरअसल, एसीबी को जिला परिषद के रिश्वतखोर बाबू कमलकान्त और परिवादी सरपंच की बातचीत की दो ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली है, जिनको सुनकर समझा जा सकता है, कि जिला परिषद में सरपंचों से किस तरह बेखौफ होकर खुलेआम फोन पर वसूली की जा रही थी.
एमएलए लेते हैं 10 फीसदी कमीशन...
ऑडियो रिकॉर्डिंग में आरोपी बाबू कमलकांत सरपंच शिव पांचाल को यहां तक कह रहा है, कि एमएलए जो विकास कार्य करवाते हैं. उनका 10 फीसदी कमीशन के रूप में वापस ले लेते हैं. हालांकि रिश्वतखोर कनिष्ठ सहायक कमलकांत अब सलाखों के पीछे है और एसीबी ने उसे रिश्वत के प्रकरण में ही गिरफ्तार किया है. लेकिन यह रिकॉर्डिंग बताती है, कि गांव में विकास की रफ्तार क्यों अटकी हुई है.
रिकॉर्डिंग- 1
कमलकान्त- आप आज आओ तो अपने ये है ना पीए साहब
सरपंच- नहीं, आज कोटा से बाहर हूं मैं
कमलकान्त- तो कल आओगे
सरपंच- हां, कल वो ठेकेदार को भी बुला लेता हूं, हम दोनों वहीं आ जाएंगे
कमलकान्त- ठेकेदार को मत बुलाना, आप आना, मतलब नहीं है ठेकेदार से
सरपंच- ठीक ठीक...मैं आ जाऊंगा, टेंशन मत लो आप
कमलकान्त- टेंशन की बात नहीं है...यार मेरे को पीए साहब को देना है यार
सरपंच- मैंने क्या कहा आपसे, आप निश्चिन्त रहो, मुझे मेरे काम से मतलब है
कमलकान्त- अप्पन ने उनसे लिए हैं उधार, पैसे देने पड़ेंगे भाई साहब
सरपंच- नहीं...नहीं....कर देंगे
कमलकान्त- कल कितने बजे आओगे
सरपंच- कल 2-3 बजे के लगभग, थोड़े पंचायत के काम से फ्री होकर
कमलकान्त- आपके वो दोनों तीनो काम थे ना, सब निकाल दिए