कोटा. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईईमेन के तीसरे चरण का परिणाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने घोषित कर दिया है. कोटा के निजी कोचिंग संस्थान से कोचिंग करने वाले छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी अंशुल वर्मा 300 में से 300 अंक लेकर आए हैं. अंशुल वर्मा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निवासी हैं और वह कोटा के निजी कोचिंग के ही स्टूडेंट रहे हैं.
हालांकि, परिणाम को देखने में विद्यार्थियों को काफी असुविधा हो रही है. क्योंकि वेबसाइट पर तकनीकी खामी के चलते छात्र अपने परिणाम नहीं देख पा रहे हैं. ऐसे में काफी समय विद्यार्थियों को इस में लग रहा है. अभी भी लाखों की संख्या में विद्यार्थी इसके परिणाम को देखने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की अधिकृत वेबसाइट पर लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें परिणाम नहीं मिल पा रहा है.
जेईई मेन्स टॉपर अंशुल वर्मा अंशुल वर्मा का कहना है कि वे अपने पिछले दो अटैम्प्ट की परफॉर्मेंस से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए वो तीसरे अटेम्प्ट में उन्होंने भाग लिया. उन्होंने 100 परसेंटाइल इस परीक्षा में प्राप्त किए हैं. अंशुल कोटा के निजी कोचिंग इंस्टीट्यूट के रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट हैं. हालांकि, उन्होंने ज्यादातर स्टडी ऑनलाइन ही की है.
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अंशुल ने बताया कि मैंने जेईई मेन फरवरी में 99.95 और मार्च अटैम्प्ट में 99.93 पर्सेन्टाइल स्कोर किए थे, लेकिन दोनों रिजल्ट से संतुष्ट नहीं था. इसलिए मैंने जुलाई में थर्ड अटैम्प्ट दिया, जिसकी तैयारी में मुझे कोटा कोचिंग की एक्सपर्ट फैकल्टीज और स्टडी मैटेरियल का काफी सपोर्ट मिला. एनसीईआरटी सिलेबस और जेईई मेन के विशेष टॉपिक्स पर ज्यादा फोकस किया.
बता दें, अंशुल 10वीं में 98.4 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण हुए और केवीपीवाय एसएक्स में ऑल इंडिया 26वीं रैंक हासिल की थी. उन्होंने बताया कि वो रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करते थे और रीक्रिएशन के लिए क्रिकेट खेलने जाते थे. साथ ही पशु चिकित्सक पिता डॉ. कृष्ण कुमार के साथ चेस खेलता थे. अंशुल की मां दमयंती वर्मा राजकीय स्कूल में शिक्षक हैं. उनकी बड़ी बहिन रूपल वर्मा एनआईटी रायपुर से इंजीनियरिंग कर रही हैं.
अंशुल 11वीं कक्षा से ही कोटा में पढ़ाई कर रहे थे, उन्होंने 11वीं की परीक्षा के पहले ही कोविड-19 का संक्रमण के बाद में रायपुर चले गए थे और इस साल मार्च में दोबारा कोटा कर पढ़ाई शुरू कर दी. कोटा के निजी स्कूल में ही उनका दाखिला था.