कोटा. शहर के बसंत बिहार के कंटेनमेंट जोन में काम कर रही आशा सहयोगिनियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का जज्बा कोरोना लॉकडाउन में देखने को मिल रहा है. इनके जिम्मे बसंत विहार और आसपास के क्षेत्र की स्क्रीनिंग का जिम्मा है.
सभी इंतजार कर रहे हैं आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का, क्योंकि स्क्रीनिंग का काम इनके बगैर एकदम भी आगे नहीं बढ़ सकता. शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में यह आशाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोरोना महामारी से लड़ने के लिए तैयार हैं. जिसने पूरी दुनिया की नाक में दम कर रखा है.
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यह महिलाएं उस जीरो मोबिलिटी जॉन में थी, जहां शुक्रवार तक कोई बाहर नहीं निकल सकता है. इन टीमों के समवन्य का काम देख रहे डॉक्टर के मुताबिक इस वक्त आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स के सामने दो बड़े चैलेंज है. पहला तो इस तरह की महामारी पहली बार है जिसका पर्याप्त अनुभव नहीं है और दूसरा यह कि अपने क्षेत्र की बजाय दूसरे क्षेत्र में जाकर काम कर रही है. लेकिन फिर भी यह वर्कर्स पूरी शिद्दत से स्क्रीनिंग में लगी हुई है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता ने बताया कि घर घर जाकर सर्वे में लगे हुए हैं, जिसमें लोगों से जानकारियां जुटा रहे हैं कि किसी को खांसी, जुकाम या किसी तरह की अन्य बीमारी तो नहीं है. इसके अलावा कोई बाहर से तो नहीं आया है. अभी तक दादाबाड़ी छोटे चौराहे से शुरू होकर हनुमान बस्ती में सर्वे किए जा रहे हैं.