कोटा.बीते वर्ष यूआईटी की तीन से चार योजनाएं लगभग फेल ही रहीं हैं. उन योजनाओं में भूखंड खरीदारों का उत्साह नहीं था, लेकिन दिसंबर माह में इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड फैक्ट्री की जमीन पर यूआईटी ने राजीव गांधी स्पेशल योजना को लांच किया. जिसमें लोगों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है.
इस योजना में यूआईटी को दो बार तो फार्म छपवाने पड़े. साथ ही फार्म की बिक्री से भी यूआईटी को लाखों रुपए की आय हुई है. यह कोटा यूआईटी की पहली ऐसी स्कीम है, जिसमें अमानत राशि करोड़ों रुपए में यूआईटी को मिल गई है. यह राशि स्कीम के भूखंड बेचने से मिलने वाली कुल राशि से भी ज्यादा है.
फॉर्म बेचने से हुई 73 लाख रुपए की आय
यूआईटी ने राजीव गांधी स्पेशल योजना के फॉर्म की कीमत 500 रुपए रखी थी. ऐसे में यूआईटी ने पहले 10 हजार फॉर्म छपवाए थे. इनकी बिक्री चंद दिनों में ही हो गई थी. इसके बाद यूआईटी ने 6 हजार 300 और फॉर्म छपवाए, इनमें से भी 4,618 फॉर्म बिक गए. यानि कुल दो बार में 14,618 फॉर्म की बिक्री हुई. जिससे यूआईटी को 73 लाख रुपए की आमदनी हुई है. हालांकि यूआईटी की राजीव गांधी स्पेशल योजना के 552 भूखंडों के लिए 10,551 फार्म ही आवेदकों ने जमा करवाए हैं.
ये पढ़ेंःSpecial: पाली के सीमावर्ती क्षेत्रों में टिड्डी का कहर, आखों के सामने चट कर दी किसानों की फसलें