कोटा.बेटियों के नाम पर वोट लेने के बाद उसे भूल जाना नेताओं और अधिकारियों की आदत बन चुका है. इसी आदत का हर्जाना लड़कियों को पढ़ाई से समझौता करना पड़ता है.
राज्य की पिछली सरकार ने राजकीय जानकी देवी बजाज कन्या महाविद्यालय को विभाजित कर तीन हिस्सों में बांट दिया था. जिसमें आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस कॉलेज अलग अलग कर दिए थे. कॉलेज की वर्तमान बिल्डिंग को साइंस कॉलेज के अधीन दे दिया गया था. वहीं जेडीबी आर्ट्स और कॉमर्स कॉलेज के लिए 6-6 करोड़ रुपए का बजट जारी कर बिल्डिंग निर्माण शुरू करने का आदेश जारी किया गया था. लेकिन 4 साल गुजर जाने के बाद भी दोनों कॉलेजों के भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
हालात यह है कि पीडब्ल्यूडी के पास राशि तो है, लेकिन जमीन नहीं. दोनों कॉलेजों को पर्याप्त जमीन नहीं मिल पाई है. उच्च शिक्षा आयुक्तालय से बजट के साथ-साथ इन महाविद्यालयों के निर्माण का नक्शा भी दिया गया था. जिनके आधार पर कॉलेजों का निर्माण होना था, लेकिन इतनी जमीन कॉलेजों के पास नहीं है.
कॉमर्स कॉलेज के निर्माण में पीडब्ल्यूडी ने जताई असमर्थता...
कॉमर्स कॉलेज के लिए जो जगह निर्धारित की गई है, उस जगह पर हेरिटेज अंटाघर बिल्डिंग व पुरातत्व महत्व का एक मंदिर और सघन पेड़ लगे हैं. साथ ही बिल्डिंग का जो नक्शा जयपुर आयुक्तालय से निर्माण के लिए भेजा गया है, उसके अनुसार जमीन भी पर्याप्त नहीं है. उस नक्शे के आधार पर निर्माण करने पर सेट बैक नहीं छूटता है. ऐसे में पीडब्ल्यूडी ने निर्माण नहीं होने में असमर्थता जता दी है. साथ ही कहा है कि दूसरी जगह जमीन देखी जाए ताकि निर्माण शुरू कराया जा सके.