राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

स्पेशल: ट्रैफिक लाइट और कैटल फ्री के बाद अब हैवी व्हीकल से भी फ्री होगा कोटा शहर

कोटा शहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और कोटा नगर विकास न्यास जुड़ गया है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल नहीं चाहते कि कोटा के अलग-अलग हिस्सों में चलने वाले ट्रांसपोर्ट यहां शहर में चलें. इन सभी ट्रांसपोर्ट व्यवसायी को शंभूपुरा में शिफ्ट करने की योजना बनाई है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपए का बजट भी आवंटित किया गया है. इस योजना की खासियत यह है कि जिन जगहों पर वह अभी अपना व्यवसाय कर रहे हैं, उन्हें शंभूपुरा में शिफ्ट होना पड़ेगा, साथ ही पुरानी जगह पर वे अन्य व्यवसाय ही कर पाएंगे. इस पूरी योजना के क्रियान्वयन के बाद कोटा शहर से हैवी व्हीकल से मुक्ति मिलेगी.

By

Published : Feb 27, 2021, 2:26 PM IST

Rajasthan News, कोटा समाचार
हैवी व्हीकल से भी फ्री होगा कोटा शहर

कोटा.यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और नगर विकास न्यास कोटा शहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए जुड़ गया है. इसके लिए स्मार्ट सिटी की राशि से कोटा शहर में विकास करवाया जा रहा है, जिसके तहत कोटा में ट्रैफिक लाइट फ्री शहर बनाने की योजना है. इसके साथ ही कैटल फ्री कोटा शहर को करना है. यहां के सभी पशुबाड़ों के लिए योजना देवनारायण आवासीय पशुपालक स्कीम लॉन्च की गई है. अब इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए कोटा शहर को हैवी व्हीकल फ्री बनाना है और ट्रांसपोर्ट से मुक्ति दिलाने के लिए भी यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने पहल कर दी है, ताकि कोटा की आम जनता को अच्छी लाइफ स्टाइल और प्रदूषण से मुक्ति दिलाई जा सके.

हैवी व्हीकल से भी फ्री होगा कोटा शहर

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल नहीं चाहते कि कोटा के अलग-अलग हिस्सों में चलने वाले ट्रांसपोर्ट यहां शहर में चलें. इन सभी ट्रांसपोर्ट व्यवसायी को शंभूपुरा में शिफ्ट करने की योजना बनाई है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपए का बजट भी आवंटित किया गया है. यहां पर सभी ट्रांसपोर्टर्स को भूखंड दिए जाएंगे और वे अब अपना व्यवसाय कोटा शहर में नहीं कर सकेंगे. इस योजना की खासियत यह है कि जिन जगहों पर वह अभी अपना व्यवसाय कर रहे हैं, उन्हें शंभूपुरा में शिफ्ट होना पड़ेगा, साथ ही पुरानी जगह पर वे अन्य व्यवसाय ही कर पाएंगे. इस पूरी योजना के क्रियान्वयन के बाद कोटा शहर से 15,000 हैवी व्हीकल से मुक्ति मिलेगी.

यह भी पढ़ेंःउपचुनाव : किसान सम्मेलनों के जरिए कांग्रेस का चुनावी शंखनाद आज, एक मंच पर दिखेंगे गहलोत और पायलट

शहर के अलग-अलग हिस्सों में संचालित होते हैं ट्रांसपोर्ट

शहर में ट्रांसपोर्ट व्यवसायी जगह-जगह फैले हुए हैं. इससे पहले यहां पर रामपुरा इलाके में ट्रांसपोर्ट का व्यापार संचालित होता था, इसके बाद इन्हें डीसीएम रोड पर जगह आवंटित कर दी गई. ऐसे में नई धान मंडी में यह लोग व्यापार करने लगे. साथ ही यह भी जगह कम पड़ने पर गोबरिया बावड़ी के नजदीक ट्रांसपोर्ट नगर बसाया गया. अब वह भी छोटा पड़ने लगा है. ऐसे में नया ट्रांसपोर्ट नगर शंभूपुरा में बनाने की योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है. बारां, बूंदी, झालावाड़, रोड पर व्यवसायी ट्रांसपोर्ट के हैं, अभी गोबरिया बावड़ी, नई धानमंडी, सब्जीमंडी के पास, रामतलाई, रामपुरा और जगपुरा में भी संचालित है.

आबादी से परेशान हैं ट्रांसपोर्टर्स

फिलहाल, ट्रांसपोर्ट ऑफिस के आसपास आबादी क्षेत्र आ जाने से ट्रांसपोर्टर्स परेशान हैं. उन्हें भी समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उनके लिए भी शंभूपुरा आवासीय स्कीम लॉन्च हो जाने के बाद अब फायदा रहेगा. वर्तमान ट्रांसपोर्ट नगर शहर के मध्य में आ गया है, चारों के चारों तरफ आवासीय कॉलोनियां हैं.

यह भी पढ़ेंःराजस्थान उपचुनाव की स्थिति...Etv Bharat पर एक्सपर्ट से जानिये राजसमंद सीट का पूरा गणित

बड़े वाहनों की पार्किंग की समस्या

ट्रांसपोर्टर के सामने भी अब कई समस्याएं आ गई हैं, क्योंकि उनका कहना है कि पहले 10 टायर की गाड़ियां संचालित होती थीं, लेकिन अब 22 से 32 टायर के वाहन भी चलने लगे हैं, जिनको खड़ा करने के लिए भी अब पार्किंग की समस्या आ गई है. साथ ही सड़कों की चौड़ाई कम होने के चलते भी गाड़ियों को घुमा कर खड़ा करना भी और मोड़ने में भी समस्या आती है. शहर के बीचों-बीच अब यह ट्रांसपोर्ट नगर आ गया है, अब गाड़ियों को नो एंट्री हो जाने के चलते दिन में यहां आने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है.

90 बीघा जमीन पर है 615 ट्रांसपोर्टरों के लिए योजना

नगर विकास न्यास ने नए ट्रांसपोर्ट नगर को शंभूपुरा के जमीन पर लांच भी कर दिया है, इसमें जो नया ट्रांसपोर्ट नगर है, वहां पर 615 भूखंड हैं, जो कि अलग अलग साइज के बनाए गए हैं. इन भूखंडों के लिए शहर के 600 से 700 ट्रांसपोर्टर हैं, जिनके बीच लॉटरी निकलेगी, जो भी यहां से जाने के लिए आवेदन भरेंगे और उन्हें वहां पर भूखंड लॉटरी से आवंटित हो जाएगा.

यह भी पढ़ेंःचूरू: दो ट्रकों में टक्कर के बाद भीषण आग लगने से 2 लोग जिंदा जले, और लोगों के मरने की आशंका

दुर्घटना और प्रदूषण से मुक्त हो जाएगा शहर

ट्रांसपोर्ट नगर के आसपास आबादी एरिया है, नो एंट्री के पहले ही अधिकांश शहर में आ जाते हैं. इसके बाद नो एंट्री तक वे शहर में खड़े रहते हैं और बाद में बाहर निकल पाते हैं. माल भी लोड अनलोड हो जाने के बाद भी वे नो एंट्री में शहर में ही फंसे रहते हैं. साथ ही शहर में दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं, क्योंकि हैवी व्हीकल की चपेट में आने से कई लोगों की मौत भी हो जाती है. प्रदूषण का भी काफी असर इनके चलते देखने को मिलता है, यह भी कम होगा.

हाईवे से होगी बेहतर कनेक्टिंग

नया ट्रांसपोर्ट नगर शंभूपुरा में बनाया जा रहा है. पास में ही एयरपोर्ट के लिए भी जगह देखी जा रही है, जिसके लिए मामला अभी विचाराधीन है, लेकिन वहां पर एयरपोर्ट बन सकता है. इसके अलावा शंभूपुरा में एक तरफ नेशनल हाईवे 27 गुजर रहा है, वहीं दूसरी तरफ नेशनल हाईवे 52 है, इसके चलते पूरा ट्रांसपोर्ट नगर जो नई जगह बन रहा है, उसके कनेक्टिंग सीधी हाईवे से हो जाएगी. साथ ही इस योजना में यह भी घोषणा की गई है कि रिंग रोड भी उस एरिया से निकाला जाएगा, जिसका भी फायदा ट्रांसपोर्टर को मिलेगा. साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर में जो सड़कों की चौड़ाई 80, 60 और 40 फीट की होगी.

यह भी पढ़ेंःकेंद्र सरकार किसानों की गर्दन पूंजीपतियों के हाथ में सौंपने की कर रही है तैयारी: रघु शर्मा

बैंक, पुलिस चौकी, चिकित्सा सुविधाएं सब कुछ मिलेगा वहां

यूआईटी यहां पर ट्रक टर्मिनस, गोदाम, होलसेल मार्केट, स्टोन मंडी, चिकित्सा सुविधाएं, आवासीय पार्क का प्रावधान भी लाया है, इसके अलावा ट्रांसपोर्टरों की मांग है कि जहां पर वे शिफ्ट होंगे वहां पर मूलभूत सभी सुविधाएं पहले से विकसित कर दी जाएं, इसमें पानी, बिजली के अलावा सड़कें अच्छी क्वालिटी के बनवाई जाएं. साथ ही पूरे ट्रांसपोर्ट नगर की बाउंड्री होनी चाहिए, ताकि बाहरी कोई भी व्यक्ति अंदर प्रवेश नहीं करे. यहां पर एक पुलिस चौकी हो, साथ ही बैंक भी वहां पर होना चाहिए, ताकि ट्रांसपोर्टर्स को जो राशि जमा करानी है बैंकिंग कार्य वह नजदीक हो सके.

3 साल का दिया जाएगा समय

जिन भी ट्रांसपोर्टरों को भूखंड लॉटरी से आवंटित होगा, उन्हें निर्माण के लिए 3 साल का समय दिया जाएगा. तब तक वह शहर के बीच में अपना व्यवसाय संचालित कर सकेंगे, लेकिन इस भूखंड आवंटन के 3 साल के बाद उन्हें शहर के बीच से अपना व्यवसाय समेटना पड़ेगा. इसके साथ ही जो भूखंड राशि के लिए यूआईटी ने दरें तय की है, वह भी 6800 वर्ग मीटर है. भूखंड की पूरी राशि को ट्रांसपोर्टर किस्तों में जमा करा सकेंगे.

यह भी पढ़ेंःअजमेर में पिया, अलवर में 'जिया'...गैंगस्टर की गर्लफ्रेंड तनाव से बचने के लिए मैगजीन पढ़कर टाइम काट रही

दो बड़ी यूनियन, 650 ट्रांसपोर्टर

कोटा शहर में दो बड़ी ट्रांसपोर्ट यूनियन हैं, इनमें ट्रांसपोर्ट कंपनीज एसोसिएशन के साथ 463 ट्रांसपोर्टर जुड़े हुए हैं. इसके अलावा पुरानी धानमंडी में 50, कोटा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन में 122 सदस्य हैं. वहीं, 50 के आसपास ऐसे लोग हैं जो कहीं भी सदस्य नहीं हैं, इन्हें मिलाकर करीब 650 के आसपास ट्रांसपोर्टर कोटा में हैं, जबकि यूआईटी ने भूखंड ने लॉन्च किए हैं, वह 615 हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details