कोटा.यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और नगर विकास न्यास कोटा शहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए जुड़ गया है. इसके लिए स्मार्ट सिटी की राशि से कोटा शहर में विकास करवाया जा रहा है, जिसके तहत कोटा में ट्रैफिक लाइट फ्री शहर बनाने की योजना है. इसके साथ ही कैटल फ्री कोटा शहर को करना है. यहां के सभी पशुबाड़ों के लिए योजना देवनारायण आवासीय पशुपालक स्कीम लॉन्च की गई है. अब इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए कोटा शहर को हैवी व्हीकल फ्री बनाना है और ट्रांसपोर्ट से मुक्ति दिलाने के लिए भी यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने पहल कर दी है, ताकि कोटा की आम जनता को अच्छी लाइफ स्टाइल और प्रदूषण से मुक्ति दिलाई जा सके.
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल नहीं चाहते कि कोटा के अलग-अलग हिस्सों में चलने वाले ट्रांसपोर्ट यहां शहर में चलें. इन सभी ट्रांसपोर्ट व्यवसायी को शंभूपुरा में शिफ्ट करने की योजना बनाई है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपए का बजट भी आवंटित किया गया है. यहां पर सभी ट्रांसपोर्टर्स को भूखंड दिए जाएंगे और वे अब अपना व्यवसाय कोटा शहर में नहीं कर सकेंगे. इस योजना की खासियत यह है कि जिन जगहों पर वह अभी अपना व्यवसाय कर रहे हैं, उन्हें शंभूपुरा में शिफ्ट होना पड़ेगा, साथ ही पुरानी जगह पर वे अन्य व्यवसाय ही कर पाएंगे. इस पूरी योजना के क्रियान्वयन के बाद कोटा शहर से 15,000 हैवी व्हीकल से मुक्ति मिलेगी.
यह भी पढ़ेंःउपचुनाव : किसान सम्मेलनों के जरिए कांग्रेस का चुनावी शंखनाद आज, एक मंच पर दिखेंगे गहलोत और पायलट
शहर के अलग-अलग हिस्सों में संचालित होते हैं ट्रांसपोर्ट
शहर में ट्रांसपोर्ट व्यवसायी जगह-जगह फैले हुए हैं. इससे पहले यहां पर रामपुरा इलाके में ट्रांसपोर्ट का व्यापार संचालित होता था, इसके बाद इन्हें डीसीएम रोड पर जगह आवंटित कर दी गई. ऐसे में नई धान मंडी में यह लोग व्यापार करने लगे. साथ ही यह भी जगह कम पड़ने पर गोबरिया बावड़ी के नजदीक ट्रांसपोर्ट नगर बसाया गया. अब वह भी छोटा पड़ने लगा है. ऐसे में नया ट्रांसपोर्ट नगर शंभूपुरा में बनाने की योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है. बारां, बूंदी, झालावाड़, रोड पर व्यवसायी ट्रांसपोर्ट के हैं, अभी गोबरिया बावड़ी, नई धानमंडी, सब्जीमंडी के पास, रामतलाई, रामपुरा और जगपुरा में भी संचालित है.
आबादी से परेशान हैं ट्रांसपोर्टर्स
फिलहाल, ट्रांसपोर्ट ऑफिस के आसपास आबादी क्षेत्र आ जाने से ट्रांसपोर्टर्स परेशान हैं. उन्हें भी समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उनके लिए भी शंभूपुरा आवासीय स्कीम लॉन्च हो जाने के बाद अब फायदा रहेगा. वर्तमान ट्रांसपोर्ट नगर शहर के मध्य में आ गया है, चारों के चारों तरफ आवासीय कॉलोनियां हैं.
यह भी पढ़ेंःराजस्थान उपचुनाव की स्थिति...Etv Bharat पर एक्सपर्ट से जानिये राजसमंद सीट का पूरा गणित
बड़े वाहनों की पार्किंग की समस्या
ट्रांसपोर्टर के सामने भी अब कई समस्याएं आ गई हैं, क्योंकि उनका कहना है कि पहले 10 टायर की गाड़ियां संचालित होती थीं, लेकिन अब 22 से 32 टायर के वाहन भी चलने लगे हैं, जिनको खड़ा करने के लिए भी अब पार्किंग की समस्या आ गई है. साथ ही सड़कों की चौड़ाई कम होने के चलते भी गाड़ियों को घुमा कर खड़ा करना भी और मोड़ने में भी समस्या आती है. शहर के बीचों-बीच अब यह ट्रांसपोर्ट नगर आ गया है, अब गाड़ियों को नो एंट्री हो जाने के चलते दिन में यहां आने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है.
90 बीघा जमीन पर है 615 ट्रांसपोर्टरों के लिए योजना
नगर विकास न्यास ने नए ट्रांसपोर्ट नगर को शंभूपुरा के जमीन पर लांच भी कर दिया है, इसमें जो नया ट्रांसपोर्ट नगर है, वहां पर 615 भूखंड हैं, जो कि अलग अलग साइज के बनाए गए हैं. इन भूखंडों के लिए शहर के 600 से 700 ट्रांसपोर्टर हैं, जिनके बीच लॉटरी निकलेगी, जो भी यहां से जाने के लिए आवेदन भरेंगे और उन्हें वहां पर भूखंड लॉटरी से आवंटित हो जाएगा.