कोटा.कोटा मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 के मरीजों का इलाज शुरू हो गया है. जो मरीज गंभीर होते हैं उन्हें आईसीएमआर के अनुमति मिलने के बाद प्लाज्मा थेरेपी से उपचार दिया जा रहा है. इसी क्रम में अब एक और शुरुआत करते हुए मेडिकल कॉलेज कोटा के एमबीएस अस्पताल में प्लाज्मा बैंक बनाएगा, जोकि एमबीएस अस्पताल के ब्लड बैंक में संचालित होगा.
कोटा में भी बनेगा देश का दूसरा प्लाज्मा बैंक इसकी 200 यूनिट प्लाज्मा स्टोरेज की क्षमता होगी. जिसके जरिए कोविड-19 के मरीजों के लिए आसानी से प्लाज्मा उपलब्ध हो जाए. जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाद प्रदेश का दूसरा डेडीकेटेड कोविड-19 मरीजों के लिए प्लाज्मा बैंक होगा, जो कि कोटा में खोला जा रहा है. मेडिकल कॉलेज कोटा के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि इसके लिए जरूरी उपकरणों की खरीद शुरू कर दी गई है. जल्द ही यह उपकरण आ जाएंगे.
पढ़ेंःमेडिकल कॉलेज के नवनियुक्त प्रिंसिपल ने अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का लिया जायजा, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
इससे यह फायदा होगा कि जो भी कोविड-19 से ठीक हुए मरीज ही इसमें डोनर बन सकते हैं. ऐसे में वह काफी कम मात्रा में है. जब किसी मरीज को उसके ब्लड ग्रुप के प्लाज्मा की जरूरत होती है और वह नहीं होता तो डोनर ढूंढने में काफी परेशानी होती है. क्योंकि स्वस्थ हुआ व्यक्ति ही प्लाज्मा को डोनेट कर सकता है. प्लाज्मा बैंक से ही समस्या का समाधान होगा हर ग्रुप के प्लाज्मा बैंक में उपलब्ध होंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि 1 साल तक प्लाज्मा खराब भी नहीं होता है. ऐसे में उसका उपयोग लगातार किया जा सकेगा.
पढ़ेंःकोटा में 'अनलॉक' हुआ कोरोना, एक महीने में सामने आए 50 फीसदी से ज्यादा केस
एमबीएस ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. एचएल मीणा का कहना है कि कोटा मेडिकल कॉलेज को भी प्लाज्मा बैंक शुरू करने की अनुमति मिल गई है. इसके लिए फ्रिज की आवश्यकता है. जिसमें माइनस 40 से 80 डिग्री सेल्सियस पर प्लाज्मा को स्टोर रखा जाता है. इसके लिए इसी सप्ताह 11 से 12 लाख रुपए की लागत का एक फ्रिज खरीदा जा रहा है. ब्लड बैंक में एसडीपी के लिए किट पहले से ही हैं. ऐसे में वही किट प्लाज्मा के लिए उपयोग आ जाएंगे.