कोटा. संभाग में डेंगू के हालात विकट होते जा रहे हैं. 1100 से ज्यादा मरीज संभाग में इस वर्ष अब तक सामने आ चुके हैं. हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मरीजों को उपचार के लिए प्लेटलेट्स नहीं मिल पा रही है. दूसरी तरफ निजी लैब में जांच के नाम पर भी लूट हो रही है.
निजी लैब और चिकित्सालय में 1000 रुपए तक एलाइजा जांच के वसूले जा रहे हैं. इस पर अब लगाम लगाने के लिए जांच की दर निर्धारित की गई है. कोटा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि एलाइजा टेस्ट की कोटा जिले में 500 रुपए से ज्यादा नहीं वसूल सकेंगे. यदि कोई निजी लैब निर्धारित दर से ज्यादा वसूलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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नोटिस देकर कर रहे इतिश्री, नहीं काबू में आ रहा डेंगू
जिले में डेंगू की भयावहता इस बात से नजर आती है कि अस्पतालों में जगह नहीं बची है. अकेले कोटा जिले की बात की जाए तो 830 मरीज अब तक सामने आ चुके हैं. जिनमें से कई मरीज गंभीर हालत में भर्ती हो रहे हैं. जबकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग लार्वा मिलने पर केवल नोटिस ही देकर इति श्री कर रहा है. चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को 648 टीमों को एंटी लार्वा एक्टिविटी के लिए भेजा था. जिन्होंने 15138 घरों का सर्वे करने की बात कही है. वहीं 100 घरों में लार्वा मिलने पर उन्हें नोटिस दिया है. अब तक 38988 जगह पर सर्वे किया गया, जिनमें से 594 जल पात्रों में लार्वा मिला है.