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Published : Oct 17, 2022, 9:34 PM IST

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असली बताकर डमी मोबाइल थमाने वाले गिरोह के 2 सदस्य गिरफ्तार, 38 डमी मोबाइल और 25 हजार रुपए बरामद

कोटा की विज्ञान नगर थाना पुलिस ने असली बताकर डमी मोबाइल बेच लोगों को ठगने वाले गिरोह के दो बदमाशों को गिरफ्तार किया (Accused of selling dummy mobile arrested in Kota) है. एक दुकानदार के साथ ठगी की वारदात करने पर मामला दर्ज किया गया. इस मामले की जांच में दोनों आरोपियों को पकड़ा गया. इनके कब्जे से 38 डमी मोबाइल और 25 हजार रुपए बरामद किए गए.

Accused of selling dummy mobile arrested in Kota, 38 dummy and cash recovered
असली बताकर डमी मोबाइल थमाने वाले गिरोह के 2 सदस्य गिरफ्तार, 38 डमी मोबाइल और 25 हजार रुपए बरामद

कोटा.शहर की विज्ञान नगर थाना पुलिस ने सस्ते मोबाइल का झांसा देकर डमी मोबाइल बेचने वाले गिरोह का खुलासा किया है. गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया (Accused of selling dummy mobile arrested in Kota) है. दोनों आरोपी मध्य प्रदेश निवासी हैं, जिन्होंने कोटा में ही 16 अक्टूबर को एक वारदात को अंजाम दिया था. आरोपियों के पास से पुलिस ने 38 डमी मोबाइल और 25 हजार रुपए बरामद किए हैं.

रेलवे कॉलोनी थाना अधिकारी मिनिंदर सिंह ने बताया कि 16 अक्टूबर को काला तालाब निवासी शोएब ने पुलिस को सूचना दी थी कि दो व्यक्ति उसकी दुकान पर आए थे. उन्होंने पैसों की जरूरत होने और ठेकेदार की ओर से पेमेंट नहीं देने का बहाना बनाकर मोबाइल बेचने की बात कही. आरोपियों ने मोबाइल खरीद का एक फर्जी बिल भी दिखाया. बिल पर 16500 रुपए मोबाइल का मूल्य अंकित था. उन्होंने 6000 रुपए में मोबाइल देने पर सहमति जताई.

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शोएब ने उनके अकाउंट में 6 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए. उनके जाने के बाद जब मोबाइल देखा, तो वह डमी निकली. ठगी का पता चलने पर शोएब ने पुलिस में ठगी का मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने इस संबंध में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के 21 वर्षीय रोहित बेलदार और 24 वर्षीय राजा बेलदार को गिरफ्तार किया है. मुनीन्द्र सिंह ने यह भी बताया कि शातिर ठग दिल्ली से डमी मोबाइल खरीद कर लाते थे.

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आरोपियों ने फर्जी बिल बुक भी तैयार करवा रखी थी. जिसमें अपने नाम से बिल भर कर आमजन के सामने पेश करते और इनके झांसे में आ जाने पर शातिर ठग मोबाइल को बेचकर पैसे लेकर फरार हो जाते थे. ये किराए से धर्मशाला में रुकते थे और डमी मोबाइल को असली बताकर बेचते थे. मोबाइल बेचने के लिए पारिवारिक समस्या का बहाना बनाते थे. शातिर बदमाश अलग-अलग स्थानों पर रहते थे. वर्तमान में रामपुरा कोतवाली की धर्मशाला नरसिंह भवन धर्मशाला में रुके हुए थे.

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