कोटा. राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के जिला लेखा प्रबंधक महेंद्र कुमार मालीवाल की जमानत याचिका एसीबी कोर्ट ने खारिज कर दी है. इस मामले में 1 मई से महेंद्र कुमार मालीवाल कोटा जेल में बंद है. मामले में परिवादी अविनाश हाड़ा ने सीएमएचओ ऑफिस में लगाई गई गाड़ियों के बिल के भुगतान के मामले में कमीशन मांगे जाने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को एक शिकायत दी थी, जिसके बाद 30 अप्रैल को 50 हजार रुपये लेते हुए महेंद्र कुमार मालीवाल रंगे हाथों ट्रैप हुए थे.
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ये रिश्वत राशि उन्होंने सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के लिए लेना बताया था. हालांकि इस मामले में मुकदमा महेंद्र कुमार मालीवाल के खिलाफ ही दर्ज किया गया था. साथ ही एसीबी ने 1 मई को उन्हें 15 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था. ऐसे में उनकी जमानत की अर्जी न्यायालय में लगाई गई थी, लेकिन एसीबी के न्यायधीश ने इस मामले को गंभीर मानते हुए जमानत अर्जी अस्वीकार कर दी है. ऐसे में महेंद्र कुमार मालीवाल को न्यायिक अभिरक्षा में ही रखा जाएगा.
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सीएमएचओ की भूमिका की भी जांच जारी
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस मामले में कोटा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर की भूमिका भी संदिग्ध मानी है. साथ ही ये न्यायालय को बताया है कि उनके विरुद्ध भी जांच जारी है. इस मामले में परिवादी अविनाश हाड़ा ने भी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के खिलाफ ही परिवाद एसीबी को दिया था कि वो घर पर बुलाकर कमीशन के लिए धमकाते हैं. साथ ही बिल पास नहीं करने पर जिला लेखा प्रबंधक महेंद्र कुमार मालीवाल ने भी सीएमएचओ के लिए ही रिश्वत मांगने की बताया था. साथ ही इस मामले में पीड़ित 80 हजार रुपये पहले दे चुका था, जो कि महेंद्र कुमार मालीवाल ने सीएमएचओ को देना बताया था.