कोटा. जिले की भामाशाह मंडी में गेहूं की बंपर आवक हो रही है. पर्याप्त इंतजाम ना होने से बारिश में व्यापारियों का गेहूं भीग गया. मंडी में रोज 90 हजार बोरियों की आवक हो रही है. गेहूं के भीगने से ज्यादा नुकसान का आकलन नहीं लगाया गया है. मंडी में सोमवार को भी 90 हजार बोरी गेहूं की आवक हुई है. जो अभी भी खुले में पड़ा हुआ है.
जिले की भामाशाह मंडी में रोजाना 90 हजार गेहूं की बोरियों की आवक हो रही है मंडी में गेहूं एक दिन छोड़कर एक दिन मंगवाया जा रहा है. जिसके चलते सोमवार को 90 हजार बोरी गेहूं की आवक हुई. इतना गेहूं आने से मंडी में लगे शेड भी कम पड़ गए, और किसानों का माल सड़क पर ही खाली करना पड़ा. वहीं बारिश के मौसम में खुले में पड़ा गेहूं खराब होने का अंदेशा बना हुआ है.
कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोशिएसन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने बताया कि रविवार को हुई बारिश में बाहर रखी करीब 40 से 50 हजार बोरी गेहूं भीग गया है. बोरियों में बंद होने से ज्यादा नुकसान का आकलन नहीं लगाया जा सकता है. क्योंकि गेहूं की क्वालिटी में कोई फर्क नहीं पड़ता.
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मंडी समिति के सचिव एमएल जाटव ने बताया कि मंडी में गेहूं एक दिन छोड़कर एक दिन मंगवाया जा रहा है. इसके अलावा और दिन बाकी की जिंसों को मंगवाते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में मंडी बंद रहने से किसान अपनी जिंसों को मंडी तक लाने में दो महीने लेट हो गए. इस के चलते मंडी में अचानक आवक बड़ी है.
उन्होंने बताया कि बारिश का अनुमान पहले ही लगा लिया था. इसलिए ज्यादातर किसानों का माल शेड में ही डाला गया रहा था. लेकिन आवक तेज होने से बाहर भी गेहूं पड़ा रहने से भीग गया. एमएल जाटव ने बताया कि अभी ज्यादातर किसानों की जिंस को शेडों में रखवाया जा रहा है. अगर आवक ज्यादा होने से बाहर भी नीलामी होती है, तो उनको तिरपाल दिए जा रहे हैं. मंडी में इसके अलावा लहसुन भी आ रहा है. जिसमें रोज करीब 10 से 15 हजार बोरी लहसुन आ रहा है.