कोटा.रूस और यूक्रेन के बीच में युद्ध छिड़ (Russia Ukraine Crisis) गया है. इसी बीच हजारों की संख्या में भारतीय छात्र वहां पर फंस गए हैं. इसके अलावा भारतीय नागरिक भी वहां पर बड़ी संख्या में मौजूद हैं. कोटा पहुंचे 6 सदस्य भारतीय छात्रों के दल ने कहा कि वे चार्टर विमान से यूनिवर्सिटी दूतावास की मदद से दिल्ली पहुंचे हैं. जिसमें 150 से ज्यादा विद्यार्थी आए थे. इनमें 17 राजस्थान के थे. जिन्हें राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने दिल्ली में रिसीव किया.इसके बाद छात्र राजस्थान के अलग-अलग शहरों के लिए दिल्ली से निकल गए. जिनमें 6 स्टूडेंट एक ही साथ संपर्क क्रांति ट्रेन से कोटा पहुंचे. पहुंचते ही स्टूडेंट्स के माता पिता और अन्य परिजनों ने उनका जमकर स्वागत किया.
कोटा पहुंचे स्टूडेंट्स (Rajasthan Students on Ukraine Situation) का कहना है कि जब वे निकले थे, तो वहां पर हालात काबू में थे. हालांकि एडवाइजरी भारतीय दूतावास से जारी की गई थी, लेकिन ऐसा कुछ भी युद्ध जैसा नजर नहीं आ रहा था. जैसे ही वह लौटकर आज सुबह दिल्ली पहुंचे. इसके बाद छात्रों की यूक्रेन में मौजूद मित्रों से बातचीत हुई. उन्होंने ही बताया कि हालात बिगड़ गए हैं. जगह-जगह बमबारी की आवाजें आ रही है. साथ ही उन्हें यूनिवर्सिटी कैंपस और अपने हॉस्टल से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है.
कोटा लौटे छात्रों ने कहा कि 25 फरवरी तक ही एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन परिजन उन्हें बार बार बुला रहे थे. ऐसे में उनके दबाव में आकर हम भारत लौट आए. लेकिन अब वे मानते हैं कि उनके परिजनों का फैसला सही था. वह अंतिम चार्टर्ड फ्लाइट थी, जो कि एयरपोर्ट से इंडिया के लिए आई है. इसके बाद में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को यूक्रेन से रोक दिया गया है और युद्ध छिड़ गया है.
दूसरी तरफ छात्रों के परिजनों का कहना है कि वह अपने बच्चों को लंबे समय से बुला रहे थे, लेकिन यह लोग कह रहे थे कि कभी भी उनकी ऑफलाइन क्लासेस शुरु हो जाएगी, तब उन्हें वापस जाने में भी दिक्कत होगी, लेकिन अब बच्चे वापस आ गए हैं. यह उनके लिए अच्छा फैसला है. वापस लौटे बच्चों के परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. क्योंकि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के हालातों के बाद से उन्हें अपने बच्चों की चिंता सता रही थी. उनके परिजन बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे थे.
कोटा पहुंचने वाले छात्रों में आयुष चतुर्वेदी, विजय कुशवाहा, मूमल वर्मा, आर्यन सुमन, काशिफ खान और संदीप नागर शामिल है. इनमें संदीप नागर बारां जिले के निवासी हैं. जबकि अन्य 5 छात्र कोटा के हैं. यह सभी यूक्रेन के चेरनिवत्सी यूनिवर्सिटी में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे. छात्रों से जब हालातों को लेकर हमने बात की तो उन्होंने बताया कि वहां से जल्द से जल्द निकलने की चिंता उन्हें सता रही थी और वे 22 तारीख को कीव से विशेष चार्टर फ्लाइट पकड़ कर दिल्ली पहुंचे. दिल्ली से ट्रेन पकड़ कर आज कोटा पहुंचे हैं. यहां पहुंचकर ही जान में जान आई है.