कोटा. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की लापरवाही मासूम अक्षिता की जिंदगी पर भारी पड़ गई. अक्षिता आईसीयू में रही, उसने एक हाथ खो दिया है और पूरा शरीर झुलस गया है. अक्षिता के पिता मुकेश नागर का आरोप है कि उनके घर के सामने जो बिजली के तार डाले गए हैं वे प्लास्टिक कोटेड नहीं हैं. बिजली की हाइटेंशन लाइन उनके घर से बिल्कुल सटी हुई है. इसी वजह से अक्षिता उसकी चपेट में आ गई.
खाद्य निगम में कार्यरत मुकेश नागर ने शहर के रायपुरा इलाके में नया मकान बनवाया है. बिजली विभाग ने उसने घर के सामने से बिजली की लाइन डाल दी. जो बिजली के तार डाले गए वे प्लास्टिक कोटेड नहीं थे. खुले वायर घर से बिल्कुल सटे हुए थे. 29 जून को नए निर्मित मकान को देखने मुकेश और उनकी पत्नी के साथ बेटी अक्षिता भी गई थी. वह छत पर जाकर खेलने लगी. इस दौरान तेज हवा से हाईटेंशन लाइन छत की रेलिंग से टकराई और अक्षिता उसकी चपेट में आ गई. हादसे में अक्षिता को एक हाथ गंवाना पड़ा. वह पूरी तरह झुलस गई.
आनन-फानन में परिजन अक्षिता को अस्पताल ले गए जहां उसका आईसीयू में इलाज चला. इलाज के दौरान चिकित्सकों ने अक्षिता का एक हाथ अलग कर दिया. दूसरे हाथ की उंगलियां भी झुलस गई.