कोटा. जिले के जेके लोन अस्पताल में एक रात में 5 नवजात शिशुओं की मौत का मामला सामने आया है. पहले भी इस तरह का मामला सामने आने पर काफी हंगामा हुआ था और जेके लोन अस्पताल देशभर में सुर्खियों में छा गया था. हैरानी की बात ये है कि अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि बच्चों की मौत क्यों हुई, इसकी जानकारी लेंगे और उनके कारणों का भी पता लगाएंगे. वहीं, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल का स्टाफ रात भर सोता रहा. परिजन बार-बार जाकर स्टाफ को जगाते रहे और बच्चे की तबीयत गंभीर थी. फिर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया. जानकारी के अनुसार, बुधवार रात में ही 5 नवजातों की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया और मेडिकल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया. यहां तक कि परिजन दो नवजात के शव को लेकर अस्पताल परिसर में ही बैठे रहे. वहां पर उनकी सुनवाई करने वाला भी कोई भी नहीं था. परिजनों का कहना है कि रात को रहने वाला स्टाफ सो जाता है. जब बच्चे की तबीयत बिगड़ी तो वे उनके पास लेकर गए, लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की कोई सुनवाई करने से मना कर दिया और कहा कि सुबह जब चिकित्सक आएंगे तब ही दिखाना.
यहां तक कि वे लोग कहते हैं कि बच्चा नार्मल ही है. केवल इसी तरह से रोते हैं. बच्चे के रोने पर हम लोग चिंतित है. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन में किसी भी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया और आखिर में बच्चे की मौत हो गई. जिन पांच बच्चों की मौत हुई है, उनमें गावडी सिविल लाइंस कोटा, कापरेन बूंदी, कैथून रोड रायपुरा कोटा के दो नवजात शामिल है. इनमें से तीन प्रसव जेके लोन में ही हुए थे.
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अधीक्षक को जानकारी ही नहीं