कोटा. ऑक्सीजन की कमी के चलते 2 मरीजों की मौत का मामला मंगलवार को सामने आया था. उसके बाद भी लगातार कमी अभी भी बनी हुई है. कोटा ऑक्सीजन बनाने के दो प्लांट हैं. दोनों जगह से औद्योगिक सप्लाई को रोक दिया गया है. इसके बाद केवल निजी और सरकारी अस्पतालों को ही आक्सीजन सिलेंडरों की सप्लाई जारी है. इसके बावजूद भी पूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है.
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ऐसे में बूंदी जिला अस्पताल में रखे हुए सिलेंडरों को कोटा लाया गया है. ताकि मरीजों को संजीवनी के रूप में दी जा रही ऑक्सीजन का प्रेशर बढ़ाया जा सके. ऐसे में ग्रीन कोरिडोर बनाते हुए 35 किलोमीटर दूर बूंदी से 40 सिलेंडर कोटा लाए गए हैं. पूरी पुलिस सुरक्षा में सिलेंडर पहुंचे हैं, जो कि 30 मिनट में ही बूंदी से कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में पहुंच गए. जहां पर तुरंत उन्हें आनन-फानन में लगाया गया है. ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके.
कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में जहां पर करीब 1800 से ज्यादा सिलेंडरों की मांग हो रही है. इसके लिए अस्पताल में तीन ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट भी लगाए गए हैं. जिनके जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई करीब 300 सिलेंडर की हो रही है.
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बाकी ऑक्सीजन सिलेंडर ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट से ही आ रहे हैं. जहां पर भी औषध नियंत्रण संगठन के अधिकारियों की ड्यूटी लगी हुई है. इसके अलावा सरकारी कार्मिक भी वहां पर तैनात किए गए हैं, ताकि एक-एक मरीज के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी पहुंचते रहे ऑक्सीजन का ब्रेकअप नहीं टूटे ताकि मरीजों को समस्या नहीं हो.
बता दें कि मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में करीब 610 मरीज भर्ती हैं, इनमें से 475 मरीज ऑक्सीजन पर हैं. इनमें पॉजिटिव मरीज करीब 330 और नेगेटिव मरीज 280 है. वही बाइपेप पर 45 और वेंटिलेटर पर 1 मरीज है..