कोटा. पूरे देश भर में कोटा ही एक ऐसा शहर है, जहां से लॉकडाउन की अवधि में पूरे देश भर में बच्चों को भेजा गया है. लेकिन कोटा के श्रमिकों का नंबर अभी भी नहीं आ रहा है. कोटा से जाने वाले श्रमिकों की बात की जाए तो 32 हजार 137 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. जबकि कोटा आने की इच्छा रखने वाले श्रमिकों में 9 हजार 148 श्रमिक शामिल हैं, जो दूसरे राज्यों में मजदूरी करने के लिए कोटा से गए हैं.
श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन का कार्य देख रहे एडीएम सीलिंग सत्यनारायण आमेटा ने आंकड़े तो उपलब्ध करवा दिए हैं, लेकिन उन्होंने कैमरे पर बात करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को भेजने की तैयारी प्रशासन कर रहा है, इस पर वे कुछ नहीं बोल सकते हैं.
श्रमिकों के लिए एक भी विशेष ट्रेन नहीं चली
कोटा से श्रमिकों के लिए एक भी विशेष ट्रेन नहीं गई है. हालांकि एक ट्रेन जिसमें स्टूडेंट्स के बाद कुछ कोच खाली रह गई थी, ऐसे में उन सीटों पर श्रमिकों को चढ़ाया गया है. ऐसे करीब 425 श्रमिक पटना गए हैं. वहीं कुछ श्रमिक बसों के जरिए भी भेजे गए हैं. जबकि कोटा से विशेष ट्रेनों और बसों के जरिए 43 हजार छात्रों की वापसी हुई है. इनमें 16 ट्रेनों के जरिए 18 हजार और 1022 बसों के जरिए 25 हजार से ज्यादा स्टूडेंट अपने घरों को रवाना हुए हैं.
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438 श्रमिक पैदल ही पहुंच गए कोटा
जिला प्रशासन के आंकड़े के अनुसार दूसरे राज्यों में कोटा के प्रवासी श्रमिकों काम कर रहे हैं. उनमें से 9148 ने कोटा आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. इनमें से 681 श्रमिक कोटा पहुंच चुके हैं. इनमें से 438 श्रमिक ऐसे हैं जो कि पैदल ही कोटा पहुंचे हैं. इसके अलावा 246 श्रमिक ऐसे हैं, जो वाहनों की मदद से कोटा पहुंचे हैं. इसके अलावा बाहर से आने वाले श्रमिकों की बात की जाए तो 4677 श्रमिकों के पास साधन नहीं है. ऐसे में घर नहीं आ पा रहे हैं. साथ ही 3790 श्रमिक ऐसे हैं, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया है और उनके पास साधन भी है, लेकिन वे नहीं आ पा रहे हैं.
कुछ ट्रेनों और बसों से भेजे गए हैं श्रमिक
कोटा से जाने वाले प्रवासी राज्यों के श्रमिकों की बात की जाए तो 32 हजार 137 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. इनमें से 3069 श्रमिक कोटा से अपने गृह राज्यों से रवाना हो गए हैं. जिनमें 177 अपने निजी वाहनों से गए हैं. जबकि 2892 श्रमिकों जिला प्रशासन ने ट्रेन या बस से भेजा है. इनमें से कुछ पैदल भी रवाना हुए हैं. कोटा से वापसी जाने वाले श्रमिकों की बात की जाए तो 23 हजार 52 श्रमिक हैं, जिनके पास वाहन नहीं है. ऐसे में वे सरकार के जरिए ही जाने की इच्छा रखते हैं. जबकि 5926 श्रमिकों के पास अपने वाहन है और उन्हें अनुमति मिले, तो उससे रवाना हो जाएंगे.