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कोटा: जेके लोन अस्पताल में 3 और नवजातों की मौत, अस्पताल प्रशासन कर रहा इनकार

कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात की मौत का सिलसिला जारी है. गुरुवार रात के बाद शुक्रवार को भी तीन बच्चों की मौत हुई है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है. वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन ने शुक्रवार को नियोनेटल इंसेंटिव केयर शुरू किया है.

Children died in JK Lone Hospital,  JK Lone Hospital Latest News
नियोनेटल इंसेंटिव केयर

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Published : Dec 11, 2020, 7:27 PM IST

कोटा.संभाग के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला थमा नहीं है. अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार रात और शुक्रवार को 3 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि, प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है. बीते 36 घंटों में 12 नवजात की मौत हो चुकी है.

जेके लोन अस्पताल में 3 और नवजातों की मौत

इसी बीच जेके लोन अस्पताल प्रशासन ने शुक्रवार को एक नया 12 बेड का एनआईसीयू शुरू किया है, जिसमें वेंटिलेटर की भी सुविधाएं होगी. जेके लोन अस्पताल के उपाधीक्षक गोपी किशन शर्मा ने बताया कि 12 बेड का नया लेवल थ्री एनआईसीयू शुरू किया गया है. यहां पर सबसे ज्यादा सीरियस बच्चों को रखा जाएगा, जिससे एक वार्मर पर दो बच्चों को रखने की समस्या से निजात मिलेगी. शर्मा ने बताया कि इसमें 5 वेंटिलेटर सुविधाओं के साथ सभी व्यवस्थाएं होंगी, जिससे ज्यादा सीरियस बच्चों को ठीक ढंग से उपचार मिल सकेगा.

पढ़ें-जेके लोन अस्पतालः कोटा में नवजात शिशुओं की मौत का जिम्मेदार कौन?...11 दिनों में 29 की टूटी सांसें

चिकित्सा मंत्री ने गठित की जांच कमेटी, तीन दिन में सौंपेगी रिपोर्ट

मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने नवजात बच्चों की मौत के मामले में चार सदस्यीय दल का गठन कर जांच करने के आदेश दिए हैं. कमेटी में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार, आरसीएच निदेशक डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला, अतिरिक्त प्रधानाचार्य और वरिष्ठ आचार्य शिशु रोग विभाग डॉ. अमरजीत मेहता और अतिरिक्त प्रधानाचार्य और वरिष्ठ आचार्य शिशु औषध एसएमएस मेडिकल कॉलेज डॉ. रामबाबू शर्मा को शामिल किया गया है. यह टीम तुरंत कोटा जाकर जेके लोन अस्पताल में हुई नवजात शिशुओं की मौत के प्रत्येक मामलों की जांच करेगी और तीन दिन में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगी.

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पिछले साल भी चर्चा में आया था अस्पताल

इससे पहले पिछले साल दिसंबर में ये अस्पताल चर्चा में आया था, जब यहां पर 100 बच्चों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद गहलोत सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. वहीं साल 2020 की बात की जाए तो अब तक 917 नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि दिसंबर महीने में अब तक 29 बच्चों की मौत हो चुकी है.

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