कोटा.शहर के नयापुरा थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक वाहन चोर गिरोह का खुलासा किया है, जिसमें तीन वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है. साथ ही 28 चोरी के वाहन भी उनसे बरामद किए हैं. वहीं, चोरी के वाहनों को खरीदने वाले छह लोगों को भी पुलिस ने पकड़ा है.
दरअसल, ये वाहन चोर शहर के सार्वजनिक स्थानों पर से खड़े हुए वाहनों को चुरा लेते थे. साथ ही उन्हें औने-पौने दामों पर आगे बेच दिया करते थे. इस पूरी वारदात का खुलासा करते हुए कोटा शहर एसपी गौरव यादव ने बताया कि नाकेबंदी के दौरान पुलिस ने एक बाइक पर सवार तीन लोगों को रोका था. इस बाइक पर कोई भी नंबर नहीं लिखे हुए थे. साथ ही पकड़े गए युवकों के पास इसके कोई कागजात भी नहीं थे.
गहन पूछताछ में ये युवक टूट गए और उन्होंने बताया कि यह चोरी की बाइक है. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों से कड़ी पूछताछ की, जिसमें सामने आया कि ये लोग वाहनों को चुराते हैं और आगे औने-पौने दामों पर सप्लाई कर देते हैं. इसके बाद पुलिस ने दबलाना बूंदी निवासी निक्की मोहम्मद उर्फ सद्दाम, नया नोहरा निवासी अजय मेवाड़ा उर्फ अज्जू उर्फ पलटा और झालावाड़ जिले के चांदखेड़ी खानपुर निवासी राहुल कुमावत को गिरफ्तार किया है.
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50 से ज्यादा वाहन चुराए...
एसपी गौरव यादव का कहना है कि आरोपियों ने 50 से ज्यादा दोपहिया वाहन कोटा में झालावाड़ से चोरी किए हैं. इनकी निशानदेही पर 28 मोटरसाइकिलें बरामद कर ली गई हैं, जिन बाइकों को बरामद किया है. उनकी कीमत 15 लाख रुपए है. इनको खरीदने के मामले में गुलशन यादव, इरफान खान, तरुण जाटव, देवराज गुर्जर, नासिर अली और पीयूष शक्तावत को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने चार से पांच हजार रुपए में ही वाहन खरीद लिए थे, साथ ही आगे भी बेचा करते थे.
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पहले मिस्त्री था, फिर चोरियां करने में जुट गया...
पुलिस का कहना है कि इस वारदात में शामिल निक्की मोहम्मद उर्फ सद्दाम पहले मिस्त्री का काम किया करता था. इसके बाद वह शातिर प्रवृत्ति का होने के चलते मोटरसाइकिल चोरियों की वारदात करने लगा. चोरी करने के बाद मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट बदल देता था, जो मोटरसाइकिल आरोपियों से बरामद की है. वह नयापुरा, गुमानपुरा, अनंतपुरा, उद्योग नगर व दादाबाड़ी इलाके से चुराई गई है. आरोपी शातिर किस्म के हैं, इन पर पहले से भी मुकदमे दर्ज हैं. आरोपियों से पूछताछ में पुलिस उपाधीक्षक द्वितीय भगवंत सिंह हिंगड़, नयापुरा थानाधिकारी भवानी सिंह, एएसआई कानसिंह, हेड कांस्टेबल तारिक अजीज, कांस्टेबल श्याम सुंदर, परमेश्वर और साइबर सेल के इंद्र सिंह की भूमिका अहम रही है.