कोटा.हाड़ौती संभाग में दो दिन लगातार हुई अतिवृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. जिन खेतों में अतिवृष्टि से नुकसान हुआ है, वहां पर करीब 25 फीसदी तक फसलें तबाह हो गई हैं, जबकि किसान फसल खराबे को 50 फीसदी तक बता रहे हैं. वहीं कृषि विभाग औसत खराबा कुछ गांवों में 20 फीसदी ही मान रहा है.
हाड़ौती में अतिवृष्टि से 25 फीसदी फसल हुई खराब कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामावतार शर्मा का कहना है कि हाड़ौती में 32 हजार बीघा में करीब खराबा हुआ है, जो कि 5 से 25 फीसदी तक है. सबसे ज्यादा खराबा धनिया की फसल में हुआ है. वहीं जिन सरसों की फसल में फलियां आ गई थी. उनमें भी नुकसान हुआ है, जबकि अन्य जो गेहूं और चने की फसल है. उसके लिए यह बारिश अमृत के समान रही है.
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इस संबंध में संयुक्त निदेशक शर्मा का कहना है कि उन्होंने जिन भी किसानों ने बीमा करवाया हुआ था, उनको क्लेम दिलवाने के लिए निर्देशित किया है और अधीनस्थ अधिकारियों को 3 दिन के भीतर खराबे की रिपोर्ट करवाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही 7 दिन के भीतर कमेटी से सत्यापन करवाने के लिए भी कहा है. साथ ही संयुक्त निदेशक शर्मा ने कहा कि बारां व झालावाड़ में किसी तरह का कोई खराब नहीं हुआ है, वहां पर यह बारिश अमृत के समान ही रही है.
सबसे ज्यादा इटावा और पीपल्दा में हुआ खराबा
कृषि विभाग के अनुसार सबसे ज्यादा खराबा कोटा जिले के इटावा और पीपल्दा एरिया में हुआ है. जहां पर 2,450 हेक्टेयर फसल में खराबा हुआ है, जो कि करीब 15 फीसदी तक है. इस एरिया में सिमोता, फुसौद, पीपल्दा और लालगंज में फसल को नुकसान हुआ है. जबकि रामगंजमंडी एरिया में 220 हेक्टेयर में खराबा 10 से 15 प्रतिशत हुआ है. इसी तरह से सांगोद एरिया में 50 लाडपुरा में 170 और दीगोद में 670 हेक्टेयर में खराबा है, जो कि 5 से 10 फीसदी के बीच है. जबकि बूंदी जिले की बात की जाए तो वहां नैनवा और केशवरायपाटन में 500 हेक्टेयर में फसल खराब हुई है. यहां पर सर्वाधिक 25 फीसदी तक खराबा हुआ है.