कोटा. अक्षय तृतीया रविवार को है लेकिन, कोरोना काल के चलते अबूझ सावों को टाला जा सकता है. ऐसे में 1500 शादियां निरस्त हो गई है, जिससे करीब 80 करोड़ का नुकसान हो रहा है. वहीं जो शादियां होगी वह बिना शहनाई और बाराती के होंगी.
अबूझ सावे पर कोरोना का साया साथ ही राजस्थान निजी बस मालिकों पर भी इसका खतरा मंडरा रहा है. उनको करीब 10 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है. बस मालिकों का कहना है कि कोरोना वायरस से शादियों के लिए हुई बुकिंग कैंसिल हो गई है, जिससे रोजगार ठप्प होता नजर आ रहा है.
80 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
कोरोना वायरस के चलते अक्षय तृतीया पर अबूझ सावे पर रोक लगी हुई है. ऐसे में कोटा में करीब 15 सौ शादियां कैंसिल होने पर करीब 80 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. वहीं राज्य में संचालित निजी बसों को भी बुकिंग कैंसिल होने पर करीब दस करोड़ का नुकसान झेलना पड़ रहा है.
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निजी बस ऑनर के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि जब से लॉकडाउन लगा है तब से ही सभी बसें खड़ी हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास छोटी बड़ी बसें राजस्थान में लगभग 35 हजार के पार है. जिन पर दो लाख परिवार पल रहा है जो की सरकार को हर वर्ष सो करोड़ रुपये से भी ज्यादा रेवेन्यू देते हैं.
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वहीं ये बसें 22 मार्च से खङी हुई है, जबकि लोगों का इन तीन माह मे शादी विवाह का सीजन होता है, जिसमें बारह महीने की पूर्ति करते हैं. बसें बन्द होने से शादी विवाह में करोड़ों रुपये की बुकिंग कैंसिल कर चूके हैं.
क्या कहना है निजी बस संचालकों का
बस ऑनर के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण सरकार द्वारा लॉकडाउन के कारण हमारी बसें आज तक खड़ी हुई है. जिन पर बीमा, टैक्स, फाइनेंस की किस्त और चालक, परिचालक, क्लीनर, तनख्वाह मिलाकर प्रतिदिन चार हजार रुपये प्रति दिन का खर्च करना पड़ रहा है.