जोधपुर. जिस बालू मिट्टी के चलते जोधपुर की गिनती देश के प्रमुख प्रदूषित शहरों में होती है, उसी बालू मिट्टी से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के वैज्ञानिक ने दुनिया में पहली बार ऐसा सॉलिड ल्यूब्रिकेंट बनाया है, जो कि 1100 डिग्री के तापमान में भी पिघलता नहीं है.
साथ ही यह माइनस 50 डिग्री तक का भी तापमान सहन कर सकता है. आईआईटी जोधपुर का नया ल्यूब्रिकेंट अंतरिक्ष में नई संभावना के साथ-साथ ऑटोमोबाइल, सीमेंट सहित कई इंडस्ट्रीज के लिए फायदेमंद होगा. आईआईटी के प्रोफेसर डॉ. राकेश शर्मा और उनकी टीम ने 10 साल की अथक मेहनत के बाद यह सफलता हासिल की है. इसका उन्होंने पेटेंट भी फाइल किया है.
डॉ. शर्मा बताते है कि वर्तमान में मोल्बिडनम सल्फाइड से बना सोलिड ल्यूब्रिकेंट उपयोग में लिया जा रहा है, जो 400 डिग्री तापमान पर विघटित होकर सल्फर डाई ऑक्साइड गैस छोड़ता है. ल्यूब्रिकेशन का असर खत्म होने के साथ इससे वायु प्रदूषण भी होता है. लेकिन, राजस्थानी मिट्टी से बना ल्यूब्रिकेंट प्रदूषण नहीं फैलाता है.
यूं तैयार किया गया