जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी घोटाले प्रकरण में पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले को लेकर मैंने कोई अपराध किया होता तो राजस्थान सरकार कभी कि मुझे उठाकर सलाखों के पीछे डाल चुकी होती. यह सिर्फ मेरा चरित्र हनन करने का प्रयास किया गया है जो मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों ने ने किया है.
संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी मामले पर बोले शेखावत पढ़ें:सरकार ने फोन टैपिंग करवाई तो सीएम के ओएसडी के पास कैसे पहुंची, इसकी जांच हो: शेखावत
रविवार को जोधपुर सर्किट हाउस में मीडिया ने जब उनसे पूछा कि यह माना जा रहा है कि उनके द्वारा दिल्ली में दर्ज करवाई गई एफआईआर राज्य सरकार के खिलाफ उनका काउंटर अटैक है, क्योंकि सरकार ने संजीवनी मामले में उनके खिलाफ एसओजी को जांच दे रखी है, इस पर शेखावत ने कहा कि उन्होंने अपनी निजी संपति से अर्जित किए गए शेयर ट्रांसफर किए हैं. यह प्रक्रिया चुनाव लड़ने से पहले हुई थी. इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि संजीवनी से अर्जित राशि से मैंने विदेश में काम किया. उन्हें कम से कम तारीखें देखनी चाहिए थी.
शेखावत ने कहा कि यह सरकार की बिलो द बेल्ट प्रहार करने की नीति है क्योंकि सरकार नीतिगत रूप से पूरी तरह से फेल हो चुकी है. जनता का ध्यान भटकाने के लिए यह किया जा रहा है. शेखावत से पूछा गया कि क्या लोकसभा चुनाव में वैभव गहलोत की हार का बदला लेने के लिए यह सब किया जा रहा है तो शेखावत ने कहा कि मेरा ऐसा मानना है कि उनको इस तरह नहीं सोचना चाहिए लेकिन जोधपुर की जनता यह जानती है कि जब से सीएम का बेटा हारा है तबसे यह हो रहा है. मारवाड़ के साथ व जोधपुर के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है.