जोधपुर. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के गृह नगर में की गई अर्जेंट टेंपरेरी बेस (यूटीबी) पर नर्सिंग कर्मियों की भर्ती विवादों में बनी हुई है. 90 पदों पर की गई भर्ती में किसी तरह का आरक्षण नहीं दिया गया और न ही मेरिट जारी की गई.
पढ़ेंःबीवीजी वायरल वीडियो मामला: सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर सहित दो गिरफ्तार
भर्ती की जांच शुरू होने के बावजूद सीएमएचओ (CMHO) ने रविवार को सभी को नियुक्तियां भी दे दी. इस प्रकरण में नया मोड़ आ गया. दो आवेदनकर्ता शिकायत लेकर सयुंक्त निदेशक के सामने पहुंच गए और अपने बयान दर्ज करवा दिए. इससे इस मामले ने तूल पकड़ लिया है, क्योंकि इससे पहले इस प्रकार की शिकायत करने वाले 6 अभ्यर्थी को सयुंक्त निदेशक कार्यालय की ओर से पत्र भेजे जाने के बाद भी बयान देने नहीं पहुंचे.
सीएमएचओ की ओर से उनसे यह लिखवा कर भिजवाया कि हमने शिकायत नहीं की है. जिससे यह साफ होता है कि प्रकरण में कहीं न कहीं गड़बड़ी है. खुद संयुक्त निदेशक डॉ. जागेश्वर प्रसाद ने भी यह स्वीकार किया था कि प्रथम दृष्टया इस भर्ती में गड़बड़ी हुई है.
जांच के दौरान किसी शिकायतकर्ता के नहीं आने से ऐसा माना जा रहा था कि प्रकरण का पटाक्षेप हो जाएगा, लेकिन मंगलवार को एक महिला और एक पुरुष आवेदन कर्ता की ओर से अपनी शिकायत दर्ज करवाने से प्रकरण फिर चर्चा में आ गया है. इतना ही नहीं शिकायतकर्ता मनीष कुमार ने राजस्थान हाईकोर्ट में भी इस भर्ती को चुनौती दी है.
उनकी याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और उस पर सुनवाई शुरू हो गई है. संयुक्त निदेशक डॉ. जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि दो शिकायतकर्ता के बयान हुए हैं. जल्दी प्रकरण की जांच पूरी कर जयपुर रिपोर्ट भिजवाई जाएगी.
मनमर्जी से किए फैसले
राज्य सरकार ने हाल ही में जोधपुर जिले के लिए 40 पदों के लिए यूटीबी भर्ती (UTB Recruitment) करने की अनुशंसा जारी की थी, लेकिन जोधपुर के सीएमएचओ (Jodhpur CMHO) डॉ. बलवंत मंडा ने इसकी सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की. 2020 में 50 पदों के लिए आवेदन लिए थे उसी प्रक्रिया में इसे मर्ज कर गत वर्ष लिए गए साक्षात्कार के आधार पर चयन सूची जारी कर दी. जबकि भर्ती के जो आदेश जारी किए गए थे उसमें चिकित्सा सेवा नियम 1965 के तहत भर्ती होनी थी. जिसके तहत अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर मेरिट बनी थी. जिसकी पालना राज्य के सभी जिलों में की गई, लेकिन मुख्यमंत्री के गृह नगर में इसकी पालना नहीं कर सीएमएचओ ने कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी कमेटी के माध्यम से 90 अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी.