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जोधपुर में रचाई गई बेटियों की शादी, नव दंपती को आशीर्वाद देने पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

लव-कुश गृह की ओर से सोमवार को दो लड़कियां बसंती और सोनू की शादी हिंदू रीति-रिवाज से बड़े धूमधाम से करवाई गई. इस मौके पर 23 साल से पालना गृह में रह रही दोनों लड़कियों ने कहा कि लोग बेटी होने पर अपनी बेटियों को पालना गृह में ना छोड़ें, बेटियां बोझ नहीं होती.

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हिंदू रीति रिवाज से धूमधाम से करवाई गई शादी

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Published : Jun 29, 2020, 7:26 PM IST

जोधपुर. जिले की नवजीवन संस्थान और लव-कुश गृह में पालना गृह में छोड़े गए अनाथ बच्चों को रखा जाता है, साथ ही उनका पालन-पोषण भी किया जाता है. जोधपुर की नवजीवन संस्थान की ओर से अब तक वहां रहने वाली 10 से अधिक अनाथ लड़कियों की शादी करवाई गई है. इसी कड़ी में सोमवार को लव-कुश गृह की ओर से लगभग 23 सालों से रहने वाली दो लड़कियों बसंती और सोनू की शादी हिंदू रीति-रिवाज से बड़े धूमधाम से करवाई गई.

हिंदू रीति रिवाज से धूमधाम से करवाई गई शादी

बता दें कि नवजीवन संस्थान की स्थापना जोधपुर में वर्ष 1989 में हुई थी, तब से यह संस्थान पालने में आने वाली बेटियों और बुजुर्गों के लिए काम कर रही हैं. जिन लड़कियों को गोद नहीं लिया जाता, उन लड़कियों का पालन-पोषण, पढ़ाई, शादी संस्थान की ओर से करवाई जाती है. वर्तमान समय में नवजीवन संस्थान में 60 बच्चियां और 80 बुजुर्ग रह रहे हैं. नवजीवन संस्थान में शादी की सूचना पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौके पर पहुंचे और दोनों नव दंपती को आशीर्वाद दिया.

शादी में आशीर्वाद देने पहुंचे मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

बसंती को 6 महीने की उम्र में उसके परिजन नवजीवन संस्थान के पालना गृह में छोड़ कर चले गए थे. जिसके पश्चात नवजीवन संस्थान में ही उसका पालन-पोषण हुआ और उसने अपनी पढ़ाई भी वहीं से पूरी की. बसंती ने हाल ही में बीए की परीक्षा पास की है और उसकी शादी बिजनेस करने वाले युवक गौरव से करवाई गई है. वहीं, दूसरी लड़की सोनू जिसे उसके परिजन डेढ़ साल की उम्र में छोड़कर चले गए थे. उसका भी पालन पोषण नवजीवन संस्थान में हुआ. वर्तमान समय में उसने पॉलिटेक्निक की परीक्षा पास की है और सोमवार को उसकी शादी श्रेयांश से करवाई गई है.

शादी की रस्में निभाते दूल्हा-दुल्हन

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बसंती और सोनू का कहना है कि वह काफी खुश हैं कि उनकी जिंदगी एक नए सिरे से शुरू होने वाली है. जहां उन्हें मां-बाप का प्यार मिलेगा. साथ ही एक घर परिवार देखने को मिलेगा. हालांकि, लड़कियों का कहना है कि नवजीवन संस्थान में भी उन्हें एक परिवार के बच्चे की तरह रखा जाता था और उन्हें हर वह चीज यहां मिली है जो कि एक माता पिता द्वारा अपने बच्चों को दी जाती है. इस दौरान उन्होंने नवजीवन संस्थान के संस्थापक सहित संचालक राजेन्द्र परिहार का आभार भी व्यक्त किया. साथ ही यह संदेश दिया है कि उन्हें उनके परिजनों द्वारा लावारिस हालत में छोड़ दिया गया था, लेकिन दूसरे लोग घर में बेटी होने पर अपनी बेटियों के साथ ऐसा ना करें.

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