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मारवाड़ में आज बहेगी मेलों की त्रिवेणी...जानें क्या होगा खास - Bhadrapada Maas Ke Tyohar

मारवाड़ में आज सोमवार को मेलों की (Triveni of fairs in Marwar) त्रिवेणी होगी. भादवा की दशमी पर जोधपुर के मसूरिया और बाबा रामदेव, खेजड़ली में शहीदों की याद में और खरनाल में वीर तेजाजी जयंती का मेला भरेगा.

मारवाड़ में आज बहेगी मेलों की त्रिवेणी
मारवाड़ में आज बहेगी मेलों की त्रिवेणी

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Published : Sep 5, 2022, 6:16 AM IST

जोधपुर. मारवाड़ में सोमवार को भाद्रपद मास की दशमी तिथि के दिन (Bhadrapada Maas Ke Tyohar) मेलों की त्रिवेणी होती है. इस दिन लोक देवता बाबा रामदेव की जयंती और जाटों के आराध्य तेजाजी महाराज का बलिदान दिवस और वृक्षों की रक्षार्थ अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले 363 लोगों का स्मृति होता. इसके चलते बाबा रामदेव के मंदिरों के अलावा रामदेवरा और जोधपुर के मसूरिया में मेला लगता है. इसी तरह से नागौर के खरनाल में तेजाजी का मेला होता है. वहीं, खेजड़ली गांव पर्यावरण प्रेमियों की स्मृति में मेले का आयोजन किया जाएगा. इसमें देशभर से विश्नोई समाज के लोग पर्यावरण प्रेमी पहुंच कर यज्ञ में आहुतियां देंगे. मेले में वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी सहित अन्य गणमान्य लोग भी पहुंचेंगे.

पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई ने बताया कि पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय विश्नोई जीव रक्षा सभा संतों के सान्निध्य में खेजड़ली स्मारक पर 363 दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी गई. सोमवार सुबह ध्वजारोहण के साथ मेला शुरू होगा. संत-महात्मा यज्ञ पाहल करेंगे. लोक देवता बाबा रामदेव का रामदेवरा में आयोजित होने वाला मेला जिसमें पूरे देश से श्रद्धालु आते हैं, यह मेला भाद्रपद की द्वितीया से शुरू होता है. दशमी के दिन पूरे चरम पर होता है. इसके बाद श्रद्धालु वापस लोटने लगते है. सोमवार को जोधपुर मसूरिया मंदिर में मसूरिया मंदिर में सुबह मंगला आरती की जाएगी. शाम सात बजे महाआरती होगी. दर्शनार्थियों की भीड़ की संभावना को देखते हुए मेला आयोजकों ने इंतजाम किए हैं. रविवार से ही यहां लोगों का पहुंचना जारी है.

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जाट समाज का होगा जमावड़ा :नागौर जिले के खरनाल में वीर तेजाजी के स्मारक पर (Tejaji Fair 2022) आयोजित होने वाले मेले में जाट समाज के लोग जुटते हैं. तेजाजी ने गौ रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. इस दिन यहां पर बड़ी सभा भी होती है, जिसमें कई राजनीतिक संदेश भी दिए जाते हैं. जाट समाज के हर दल के नेता यहां आते हैं. प्रतिभाओं का सम्मान भी होता है.

काफी संख्या में आते हैं विश्नोई समाज के लोग : पेड़ बचाने के लिए शहीद हुए 363 लोगों की याद में भरे जाने वाले इस मेले में विश्नोई समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्र होते हैं. यहां धर्म सभा भी आयोजित होती है. जिसमें वृक्ष व जीव बचाने के लिए संकल्प लिया जाता है. इसके अलावा यहां पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए आहुतियां दी जाती हैं.

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