जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाये जाने को चुनौती देने वाली एक निगरानी याचिका की सुनवाई में मामले का रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिये है. जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने यह आदेश एक याचिकाकर्ता की ओर से दायर निगरानी याचिका की सुनवाई में दिए है. कोर्ट ने इसके साथ ही अप्रार्थी शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब तलब किया है.
वहीं यह ऑब्जर्वेशन लिखा है कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने शिकायतकर्ता पीड़िता की ओर से पुलिस के समक्ष 29 जून 2019 को दिये गये बयानों की प्रति पेश की है. जिसे उन्होने आरटीआई के तहत 07 जनवरी 2020 को प्राप्त किया था. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कौशल शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ निचली अदालत ने आईपीसी की धाराओं 376 (2 एन ए) 366, 368 और 384 के तहत आरोप सुनाए है जो कि एकदम गलत है. क्योंकि निचली अदालत ने रिकॉर्ड में उपलब्ध मटेरियल पर बिना विचार और ज्यूडिशियल मांइड एप्लाई किये बिना ही चार्जेज फ्रेम कर दिये गए. इसी से निराश होकर यह निगरानी याचिका दायर की है.
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