जोधपुर.शहर में आए दिन लोगों की जेब कटती है. बहुत कम खुशनसीब होते हैं, जिन्हें वापस अपना पर्स मिल जाता है. क्योंकि ज्यादातर जेबकतरे जब पकडे़ जाते हैं, तो उनके पास खाली पर्स ही बरामद होते हैं, लेकिन जोधपुर यातायात पुलिस के कांस्टेबल ने एक जेबकतरे से पर्स बरामद कर उसे उसके मालिक तक पहुंचाया है. बुधवार को रेलवे स्टेशन के बाहर तैनात पुसिकर्मी किरोड़ी लाल मीणा को सिटी बस में सवार होने वाली भीड़ के साथ एक जेबकतरा नजर आया. जो बस जाने के बाद वहीं खड़ा रहा, इससे साफ पता लग गया कि उसने किसी न किसी की जेब साफ कर दी है.
ट्रैफिक कांस्टेबल ने जेबकतरे से पर्स बरामद कर मालिक को सौंपा पर्स जेबकतरा वहां से गायब होने वाला ही था कि किरोड़ी लाल मीणा ने उसे दबोच लिया. तलाश में एक पर्स बरामद हुआ. इसमें चार हजार रुपए भी थे. पर्स में मालिक के से जुड़ी जानकारी थी. उसके आधार पर पता चला कि पर्स ओसियां के जाखण निवासी रामूराम का था. किरोड़ी लाल मीणा ने अपने विभाग के मार्फत रामूराम तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की. उससे फोन पर बात कर पर्स के बारे में पूछा तो उसने सब बता दिया.
शुक्रवार को उसे पुलिस कमिश्नरेट मुख्यालय बुलाया गया, जहां यातायात पुलिस के उपायुक्त राजेश मीणा ने रामूराम को पर्स सौंपा और अपने पुलिसकर्मी के इस कार्य के लिए प्रशंसा की. रामूराम ने बताया कि बुधवार उसे सांगरिया जाना था. ऐसे में रेलवे स्टेशन के सामने से बस पकड़कर सांगरिया पहुंचा, तो पता चला कि उसका पर्स पार हो गया है. यह सोच लिया कि पर्स वापस नहीं मिलेगा, लेकिन किरोड़ी लाल के प्रयास से उसे उसका पर्स और चार हजार रुपए मिल गए हैं.
कोरोना संक्रमण के चलते सड़कों पर सामान बेचने वाले परेशान...
शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सड़कों पर सामान बेच कर गुजारा करने वालों के परेशानी बढ़ रही है. इन दिनों सर्दी की सीजन शुरू होने के साथ ठेलों पर गर्म कपडे़ बेच कर अपना परिवार पालने वालों को सड़कों पर खड़ा, इसलिए नहीं रहने दिया जा रहा है कि इससे भीड़ हो जाएगी. रेलवे स्टेशन के आगे सड़क के एक किनारे पर हर वर्ष तिब्बती बाजार लगता है, जिसमें बडी संख्या में दुकानें लगती है. इनके साथ ही ठेले भी खडे़ होते है, यहां भीड़ भी बहुत होती है, लेकिन इस बार नगर निगम ने तिब्बती बाजार को कोरोना के चलते अनुमति नहीं दी है.
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वहीं स्थानीय ठेले लगाने वाले खडे़ होने लग गए हैं, लेनिक अब नगर निगम इनको भी हटा रही है. इसके विरोध में शुक्रवार दोपहर बाद ठेला चालकों ने सड़क पर निगम की कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इनका कहना था कि हम तो बरसों से यहां ठेले लगा रहे हैं. दो महीने कमाई होते हैं, कोरोना के चलते पहले ही हालात खराब है, उपर से निगम के कर्मचारी मनमर्जी से सामान जब्त कर लेते हैं. ठेला चालकों का कहना है कि हमारे परिवार कैसे चलेंगे. हालांकि ठेला चालक यह भी मानते हैं कि वे बिना अनुमति के खडे़ है लेकिन जाएं तो कहां जाए? इधर नगर निगम शहर में शोसल डिस्टेशिंग बनए रखने के लिए बाजारों में आए दिन अपनी कार्रवाई सख्त करते जा रहे हैं क्योंकि कोरोना का मामला शहर में बढ़ रहा है.