जोधपुर.कोरोना महामारी का असर पिछले साल हर व्यापार पर देखने को मिला. लॉकडाउन के बाद मार्केट में काफी मंदी भी रही. अनलॉक होने के चरणों में धीरे-धीरे व्यापार वापस अपनी पटरी पर आया. लॉकडाउन और कोरोना के चलते जोधपुर के परिवहन विभाग को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है.
वाहनों की बिक्री कम होने से परिवहन विभाग को नुकसान... परिवहन विभाग को टू व्हीलर, फोर व्हीलर, टैक्सी, ऑटो रिक्शा, गुड्स व्हीकल इत्यादि की बिक्री होने पर राजस्व की प्राप्ति होती है. गाड़ियों की बिक्री पर परिवहन विभाग OTT शुल्क दिया जाता है. लेकिन वर्ष 2020 में पिछले वर्ष के मुकाबले गाड़ियों की बिक्री काफी कम हुई. जिसके चलते परिवहन विभाग को लगभग 20 से 25 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. परिवहन विभाग के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी रामनारायण बडगुजर ने बताया कि वैसी महामारी के चलते गाड़ियों की बिक्री काफी कम हुई है. इससे विभाग को मिलने वाला शुल्क भी कम हुआ है.
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आंकड़ों की बात करें तो 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक लगभग 74000 से अधिक गाड़ियों की बिक्री हुई थी. वर्ष 2020 में सिर्फ 45 से 50,000 गाड़ियों की ही बिक्री ही हो पाई. इनमें मोटरसाइकिल, ऑटो रिक्शा, गुड्स व्हीकल, ट्रांसपोर्ट व्हीकल, कार इत्यादि सम्मिलित हैं. वर्ष 2020 में कोरोना वैश्विक महामारी के कारण लगभग 3 माह तक लॉकडाउन रहा और मार्केट में लोगों के पास पैसे भी नहीं रहे. जिसके चलते ज्यादा गाड़ियों की खरीदारी नहीं हो पाई और यही एक मुख्य कारण रहा कि इससे परिवहन विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया.
कोरोना के कारण वाहनों की बिक्री घटी, परिवहन विभाग को हुआ नुकसान... गाड़ी बेचने वाले शोरूम मैनेजर का कहना है कि इस वर्ष गाड़ियों की बिक्री में भारी गिरावट देखने को मिली है. वैश्विक महामारी के चलते कई लोगों की रोजगार छिन गए. उसके साथ ही व्यापार नहीं होने के कारण लोगों के पास पैसा भी नहीं बचा जिसके चलते लोगों ने गाड़ियों की खरीदारी की तरफ ज्यादा रुख नहीं किया. निजी शो रूम के मैनेजर ने बताया कि लॉक डाउन के बाद से लोगो के पास पैसा नही होने के कारण पिछले साल के मुकाबले 32% कम वाहनों की बिक्री हुई है. जोधपुर में एक शोरूम के मैनेजर का कहना है कि इससे पहले जहां औसत रूप से 5500 वाहनों की बिक्री साल भर में होती थी, वहीं साल 2020 में सिर्फ 1600 वाहनों की ही बिक्री हो पाई.
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वाहनों की कम बिक्री के कारण परिवहन विभाग को भारी नुकसान झेलना पड़ा. कोरोना के कारण प्राइवेट सेक्टर ने तो नुकसान उठाया ही है, सरकारी विभागों में भी इसका भारी असर देखने को मिला है.