जोधपुर.नौतपा के चलते प्रदेश भर में गर्मी प्रचंड पर है. नौपता के वैज्ञानिक और ज्योतिषी, दोनों प्रकार के महत्व हैं. वैज्ञानिक कारण के अनुसार सूर्य पृथ्वी के नजदीक होता है तो किरणों के सीधे गिरने से गर्मी होती है. ज्योतिषीय कारणों की माने तो सूर्य के रोहणी नक्षत्र में गमन करने से चंद्रमा की शीतलता बाधित होती है, इससे भी गर्मी बढ़ती है.
जानकारों का कहना है कि यह प्रत्येक वर्ष होने वाली प्रक्रिया है. इसे एस्ट्रोलॉजी नहीं एस्ट्रोनॉमी कह सकते हैं. ज्योतिषीय आधार के अनुसार 30 मई को शुक्र वक्री होगा तो तापमान में कमी हो सकती है. इससे नौतपा के शेष तीन दिन राहत मिल सकती है. लेकिन साथ-साथ कई तरह की उथल-पुथल भी होगी, जैसे कि राजनीतिक उथल-पुथल हो सकती है. ज्योतिष में इसे नौतपा नहीं, रोहिणी संकट भेदन या रोहिणी तपन काल कहा कहा जाता है.
क्या कहना जानकारों का...
रिमोट सेंसिंग विभाग में रिसर्च ऑफिसर रहे और ज्योतिष की जानकारी रखने वाले नटवरलाल पुरोहित व जोधपुर शहर के जाने-माने ज्योतिष पंडित घनश्याम द्विवेदी का कहना है कि सूर्य जब रोहणी नक्षत्र में आता है, तो 13 दिन रहता है. यह हर वर्ष ज्येष्ठ मास में आता है. वृष राशि में दस डिग्री पार करने पर सूर्य रोहणी में प्रवेश करता है. रोहणी नक्षत्र का मान 13 डिग्री और बीस मिनट है. इसे घूमने में और सूर्य को घूमने में 14 से 15 दिन लगते हैं. इसमें शुरुआती नौ दिनों में गर्मी तेज पड़ती है.