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भंवरी देवी केस : मलखान को मंत्री बनाने के लिए रची साजिश में पूरी राजनीति ही दांव पर लग गई

एएनएम भंवरी के अपहरण और हत्या के मामले में लूणी के पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई (Malkhan singh bishnoi) को जमानत मिल गई. भंवरी (Bhanwri Devi) की मौत के बाद संतान के डीएनए टेस्ट से सीबीआई (CBI) ने साबित किया था भंवरी देवी के साथ मलखान विश्नोई के अवैध संबंध थे.

भंवरी देवी केस मलखान सिंह
भंवरी देवी केस मलखान सिंह

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Published : Aug 17, 2021, 9:45 PM IST

धपुर. राजस्थान का एक ऐसा हत्याकांड जिसने पूरे प्रदेश की राजनीति को हिलाकर रख दिया था. एएनएम भंवरी देवी (ANM Bhanwari Devi) का केस भी उस समय की राजनीति पर काली छाया की तरह साबित हुआ.

भंवरी देवी के अपहरण और हत्या के मामले में फिलहाल लूणी के पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई (Former MLA Malkhan Singh Vishnoi)को जमानत मिल गई. मलखान को 9 साल 8 महीने बाद जमानत मिली है. लेकिन जिस राजनीतिक करियर को मलखान ने ऊंचाई देने के लिए भंवरी के अपहरण और हत्या की साजिश रची वो इस सनसनीखेज हत्याकांड और उसके बाद हुई कानूनी कार्रवाई के दौरान खत्म हो गया.

मलखान सिंह बिश्नोई अपने पिता रामसिंह विश्नोई (Ram Singh Vishnoi) के मंत्री रहते हुए ही राजनीति में सक्रिय हो गया था. इस दौरान उसका संपर्क भंवरी से हुआ था. भंवरी के साथ मलखान के संबंध भी बन गए. ये संबंध लगातार बहुत घनिष्ठ होते चले गए. मलखान सिंह ने ही भंवरी की मुलाकात महिपाल मदेरणा से करवाई थी, क्योंकि दोनों दोस्त थे.

भंवरी अपनी महत्वाकांक्षा को लेकर इतनी उतावली थी कि उसने मलखान के साथ-साथ महिपाल (Former Minister Mahipal Maderna) से भी संबंध बना लिये. लेकिन मलखान से उसकी निकटता जगजाहिर थी. इस पर सीबीआई ने उस समय आधिकारिक मुहर लगा दी थी जब भंवरी की एक संतान का डीएनए टेस्ट कराया. इस टेस्ट में मलखान भंवरी की बेटी का पिता निकला. अपनी संतान को मलखान से बराबर का हक दिलाने की चाहत और महत्वकांक्षा ने ही इस प्रकरण का बीज बोया था.

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भंवरी अपनी संतान को लेकर ज्यादा चिंतित थी. उसने मलखान पर दबाव बनाया कि वह भंवरी की बेटी को संतान का दर्जा दे. भंवरी अपने परिचितों में मलखान का परिचय अपनी संतान के पिता के रूप में करवाने लगी. इस दौरान मलखान विधायक बन गया और दूसरी तरफ महिपाल राज्य सरकार में मंत्री.

इसके बाद मलखान की राजनीतिक महत्वकांक्षा बढ़ी, वह मंत्री बनने की ख्वाहिश रखने लगा. लेकिन यह तब ही संभव था जब महिपाल मंत्री नहीं रहे. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में लिखा था कि इसके लिए मलखान की बहन इंद्रा (indra vishnoi) ने जिम्मा उठाया और भंवरी को महिपाल मदेरणा की सीडी बनाने के लिए प्रेरित किया.

इस काम में भंवरी सफल हो गई. लेकिन वह यह नही समझ पाई कि उसका इस्तेमाल कहां हो रहा है. भंवरी इंद्रा के बनाए ताने-बाने में उलझती चली गई और इस मामले में मलखान के रिश्तेदारी में भाई सोहनलाल विश्नोई जो कि महिपाल मदेरणा का भी खास आदमी था और जल संसाधन विभाग में ठेकेदारी कर रहा था, उसे भी इंद्रा ने साजिश में शामिल कर लिया.

भंवरी यह समझ चुकी थी कि नेताओं को कैसे काबू में किया जाता है. इसलिए उसने महिपाल मदेरणा की सीडी तो बनाई ही, साथ में उसने मलखान सिंह के साथ भी अपनी एक सीडी बना रखी थी. जिसकी भनक इंदिरा को लग गई थी. 2010 में सीडी बन जाने के बाद महिपाल मदेरणा की तरफ से सोहनलाल विश्नोई आगे आता रहा. जबकि मलखान की ओर से इंदिरा विश्नोई भंवरी से बात करती रही.

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सितंबर 2011 में भंवरी की हत्या से पहले आरोपियों ने मलखान की सीडी नष्ट कर दी थी. हत्या के बाद महिपाल मदेरणा की सीडी बाहर आ गई थी. यही प्लान था मलखान सिंह को मंत्री बनाने के लिए ताकि महिपाल का मंत्री पद चला जाए और उसकी जगह मलखान सिंह मंत्री बन जाए. लेकिन मामले में सीबीआई की एंट्री होने के साथ ही तस्वीर बदलती गई और सीबीआई ने एक के बाद एक कड़ी जोड़ते हुए मलखान को भी गिरफ्तार कर लिया.

हालांकि इसके बाद हुए चुनाव में विश्नोई परिवार को हार का मुंह देखना पड़ा. लेकिन 2018 में मलखान के पुत्र महेंद्र विश्नोई (Mahendra Vishnoi) ने लूणी विधानसभा सीट (Luni assembly seat) जीत ली.

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